इंदौर। इंदौर के फुटपाथ और चौराहों पर हाल में लगे होर्डिंगों का मामला हाईकोर्ट पहुंच गया। कोर्ट ने भी इसे गलत माना और एक जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए सडक, फुटपाथ, चौराहों जैसी जगहों पर भविष्य में होर्डिंग लगाने पर रोक लगा दी है। कोर्ट ने कलेक्टर, निगमायुक्त को नोटिस जारी कर पूछा है कि आखिर उन्होंने ऐसी जगहों पर होर्डिंग लगाने की अनुमति कैसे दे दी ?
होर्डिंग को
लेकर हाई कोर्ट में जनहित याचिका विजयसिंह राठौर ने दायर की है। जिसमें कहा है कि निजी
कंपनियों को नगर निगम ने होर्डिंग लगाने की अनुमति दी है। फुटपाथ, डिवाइडर, चौराहों
आदि ऐसे स्थानों पर कंपनी ने होर्डिंग लगा दिए। इससे यातायात भी बाधित हो रहा है। भविष्य
में यह होर्डिंग हादसे की वजह भी बन सकते है।
कोर्ट को बताया
गया कि शहर में कम से कम 29 ऐसे होर्डिंग लगाए जा चुके हैं जो यातायात में बाधित है।
सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कलेक्टर, निगमायुक्त, अपर आयुक्त, एसएस एडवरटाइजिंग प्रा.लिमिटेड,
दीपक एडवरटाइजर्स को नोटिस जारी जवाब मांगा है। याचिका की अगली सुनवाई 12 जून को होगी।
तब तक शहर में कोई नया होर्डिंग नहीं लग सकेगा।
एमआइसी सदस्य ने भी ली थी आपत्ति
जीएसआईटीएस चौराहा और जंंजीरवाला चौराहा के फुटपाथ पर होर्डिंग लगाने के बाद महापौर परिषद सदस्य नंदू पहाडि़या ने आपति्त ली थी और वे खुद होर्डिंग हटाने पहुंच गए थे। 56 दुकान, रेसकोर्स रोड़ सहित कुछ स्थानों पर उन्होंने इन होर्डिंग लगाने वालों का विरोध किया तो कुछ चौराहों से नगर निगम ने होर्डिंग हटा भी लिए थे, लेकिन अब कोर्ट की रोक के बाद नए होर्डिंग शहर मेें नहीं लग सकते हैै।
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