खरगोन। महेश्वर के सहस्त्रधारा में गुरुवार को डूबने से एक शख्स की जान चली गई। महेश्वर के सहस्त्रधारा और नर्मदा नदी के घाट में बीते 10 साल में करीब 250 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। यहां हो रहे हादसों की वजह यहां खतरनाक और गहराई वाले स्थलों पर चेतावनी बोर्ड और घाट पर सुरक्षा गार्ड का न होना है। सुरक्षा के इंतजाम की पहल नहीं होने से मौत के आंकड़े में एक और संख्या बढ़ गई। धरमपुरी (धार) के विधायक पांचीलाल मेढा ने घटना पर दुःख व्यक्त किया है, साथ ही मृतक के परिजन को तत्काल पांच लाख का मुआवजा देने की मांग की है। 

पुलिस के अनुसार मृतक का नाम कमलेश पिता कन्हैयालाल पाटीदार (45 वर्ष) निवासी बिलोदा बागड़ी, नालछा, जिला धार है। कमलेश अपने रिश्तेदार के साथ नर्मदा स्नान के लिए महेश्वर आए थे। सहस्त्रधारा जलकोटि में वे डेंजर जोन में पत्थरों से झुक कर सेल्फी ले रहे थे, तभी पैर फिसला और तेज धारा में जा गिरे। 16 लाख गैलन प्रति घंटा  तेज धारा उन्हें देखते ही देखते बहा ले गई। साथ के लोगों ने उन्हें बचाने के प्रयास किए, लेकिन नाकाम रहे। शुक्रवार सुबह मृतक के परिजन के साथ धरमपुरी (धार) के विधायक पांचीलाल मेढा भी सहस्त्रधारा पहुंचे। घटनास्थल से करीब 200-300 मीटर दूर मृतक का शव नजर आने पर वे स्वयं तैरकर पहुंचे और शव को निकलवा कर अस्पताल पहुंचाया।  इस मामले में पुलिस के रवैये पर भी सवालिया निशान खड़ा कर दिया है। मृतक कमलेश तैरना जानते थे, लेकिन तेज बहाव में तैरना हर किसी के बूते की बात नहीं होती।

गर्मी में बढ़ जाते हैं हादसे

गर्मी शुरू होते ही सहस्त्रधारा आने वाले सैलानियों की संख्या बढ़ जाती है। यह सिलसिला बारिश शुरू होने  पर जुलाई में ही थमता है। यही वह समय है जब सहस्त्रधारा में सर्वाधिक घटनाएं होती हैं। इस साल भी मार्च से अब तक सहस्त्रधारा में पांच लोगों की बहने से मौत हो चुकी है। इसलिए समय की मांग यह है कि यहां तत्काल सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए जाएं। यदि इस बारे में सरकारी गति से निर्णय लिया गया तो मौत के आंकड़ों को बढ़ने से रोकना संभव नहीं होगा और इसकी जिम्मेवारी प्रशासन के सर ही होगी।

Post a Comment

Previous Post Next Post