उज्जैन। भारत उत्कर्ष नवजागरण और वृहत्तर भारत की सांस्कृतिक चेतना पर एकाग्र विक्रमोत्सव कार्यक्रम के तहत शिप्रा तट (दत्त अखाड़ा घाट) पर आयोजित प्रसिद्ध पार्श्व गायक शान और उनके दल की भव्य संगीत निशा में प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान शामिल हुए। उन्होंने कहा कि अवन्तिका नगरी तीन लोक से न्यारी और प्यारी है। उज्जयिनी नगरी अलौकिक और अदभुत नगरी है, जो अपनी संस्कृति और परम्परा को सहेजे हुए है। यहां आकर हमेशा एक अद्भुत और दिव्य अनुभव होता है। यहां का शुद्ध एवं सात्विक वातावरण सबका मनमोहता है। उज्जैन की अपनी धार्मिक एवं सांस्कृतिक पहचान है जो युगों से पल्लवित होती रही है। सृष्टि के आरम्भ से ही उज्जयिनी का अस्तित्व माना जाता है। युग बदलते गए और उज्जैन को कभी उज्जयिनी, अवन्तिका, कनकश्रृंगा आदि नामों से जाना जाता रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि गरुड पुराण में उज्जैन को सर्वश्रेष्ठ नगरी बताया गया है। अग्निपुराण में उज्जयिनी को मोक्षदा कहा गया है। पार्वती मां के कहने पर भगवान शिव ने उज्जयिनी नगरी बसाई थी। इसीलिये उज्जयिनी नगरी को विशाला भी कहते हैं।
ओरछा में बनेगा राम लोक
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि उज्जैन में श्री महाकाल लोक के निर्माण से न केवल मध्य प्रदेश अपितु देश में उज्जैन का नाम गौरवान्वित हुआ है। पूरे विश्व में भारत और महाकाल लोक छाए हैं। विदेशी पर्यटक भी उज्जैन आ रहे हैं। जुलाई माह तक महाकाल लोक का दूसरा भाग तैयार हो जाएगा। आगे और भी नये आयाम प्रदेश स्थापित करेगा। यह नया मध्य प्रदेश है। महाकाल लोक के बाद ओरछा में राम लोक, चित्रकूट में वनवासी लोक, सलकनपुर धाम में देवी लोक बनायेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि हम अपनी संस्कृति और परम्परा न भूलें। अपनी संस्कृति और परम्परा को स्थापित करने के लिये अपना सर्वस्व योगदान दें।
मुख्यमंत्री
ने दिये उज्जयिनी गौरव रत्न सम्मान
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान
ने विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय योगदान देने वाले विख्यात व्यक्तियों को उज्जयिनी
गौरव रत्न सम्मान प्रदान किया। मुख्यमंत्री ने चिकित्सा के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य
करने पर डॉ. सीएम पौराणिक को, शिक्षा के क्षेत्र में डॉ. रामराजेश मिश्र, साहित्य के
क्षेत्र में शिव चौरसिया को, विधि के क्षेत्र मे कुलदीप भार्गव को, अभियांत्रिकी के
क्षेत्र में श्रीकान्त वैशंपायन को, ज्योतिष के क्षेत्र में शिवेंद्रचंद्र द्विवेदी
को, उद्योग एवं व्यवसाय के क्षेत्र में मुकेश रांका को तथा खगोलशास्त्र के क्षेत्र
में उल्लेखनीय योगदान देने पर घनश्याम रत्नानी को सम्मान प्रदान किया। मुख्यमंत्री
ने संस्कृति विभाग द्वारा स्थापित वेदव्यास सम्मान वर्ष 2019-20 के लिये अंकुर एजुकेशन
अल्टरनेटिव सोसायटी के प्रभात कुमार झा एवं सुशीला को प्रदान किया। वर्ष 2020-21 का
वेदव्यास सम्मान आर.बालाशंकर नईदिल्ली को तथा अमर शहीद चंद्रशेखर आजाद सम्मान वर्ष
2020-21 बालगोकुलम संस्था केरल के बाबूलाल एवं टी. शिवकुमार को प्रदान किया।
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