कोटा। कोटा में एक कोचिंग छात्र की छठी मंजिल से गिरने से मौत हो गई। स्टूडेंट अपने दोस्तों के साथ बालकनी में बैठा था, जब वे कमरे की तरफ जाने लगे तो एक स्टूडेंट का बैलेंस बिगड़ गया और वह जाली तोड़ता हुआ नीचे गिर गया। पुलिस उप अधीक्षक अमर सिंह ने बताया कि मृतक इशांशु भट्टाचार्य(20) धुपगुरी, जलपाईगुड़ी (पश्चिम बंगाल) का रहना वाला था। वह कोटा के जवाहर नगर इलाके में रहकर नीट की तैयारी कर रहा था। शव को महाराव भीमसिंह अस्पताल के पोस्टमॉर्टम रूम में रखवाया गया है।


अमर सिंह के मुताबिक इशांशु वात्सल्य रेजीडेंसी नाम के हॉस्टल की छठी मंजिल पर कमरा लेकर रहता था। पिछले साल अगस्त 2022 में हॉस्टल आया था। गुरुवार रात को 11:15 बजे अपने तीन दोस्तों के साथ बालकनी में बैठा था। कुछ देर बाद चारों दोस्त उठकर जाने लगे। इसी दौरान छात्र उठकर चप्पल पहनने लगा तो उसका बैलेंस बिगड़ गया। पास ही बालकनी में लगी जाली को तोड़ते हुए वह सीधा नीचे जा गिरा।

अमर सिंह ने बताया- हादसे की जानकारी लगते ही दूसरे स्टूडेंट भी मौके पर पहुंच गए। छात्र को तलवंडी स्थित एक निजी अस्पताल में भर्ती करवाया, लेकिन उसे मृत घोषित कर दिया गया। इतनी ऊंचाई से गिरने की वजह से स्टूडेंट का चेहरा बिगड़ गया। पुलिस ने उसके घर वालों को सूचना दे दी है। उनके आने के बाद शव का पोस्टमॉर्टम करवाया जाएगा।

एल्यूमीनियम की कमजोर जालियां यह घटना 10 मंजिला हॉस्टल में हुई है। हर मंजिल की बालकनी में एल्यूमीनियम की जालियां लगाई गई है। साथी बालकनी में बैठने का स्पेस भी है। होस्टल संचालकों ने यहां पर फर्श और जाली के बीच बहुत कम गैप छोड़ा हुआ है। जालियां भी काफी कमजोर है। ऐसे में हल्के से झटके से टूट कर गिरने का डर रहता है। लापरवाही बच्चे की जिंदगी पर भारी पड़ गई।

मोबाइल गेम खेल रहे थे दोस्त

मृतक के दोस्त अभिषेक ने बताया- हम लोग बैठकर मोबाइल में गेम खेल रहे थे, ताकि थोड़ा रिलैक्स हो सकें। गेम खत्म होने के बाद आपस में बातें करने लगे। इसके बाद वापस पढ़ाई करने के लिए कमरे में जाने के लिए खड़े हो गए। हम बालकनी से गेट की तरफ आ गए। इसी दौरान इशांशु अचानक नीचे गिर गया। मैं चिल्लाया और नीचे गया। हॉस्टल के और बच्चे भी नीचे आ गए थे। इशांशु के सिर से खून निकल रहा था। उसकी सांस बहुत तेज-तेज चल रही थी। यानी सांस उखड़ ही रही थी। अब इसमें गलती किसकी है, क्या है, यह तो मैं क्या कहूं। हमारा दोस्त चला गया।

निजी अस्पताल में भर्ती करने से किया इनकार

छात्र के दोस्त अभिषेक ने बताया- हादसे के तुरंत बाद इशांशु को लेकर दादाबाड़ी स्थित पारीक अस्पताल पहुंचे। इशांशु को स्ट्रेचर पर लिटा कर अंदर ले जाने लगे, लेकिन वहां के स्टाफ ने उसे एडमिट करने से ही मना कर दिया। स्टाफ ने कहा- बच्चे का इलाज यहां नहीं होगा। अगर उसे समय रहते वहां इलाज मिल जाता तो थोड़ी बहुत संभावना उसके बचने की रहती।

पारीक हॉस्पिटल के डॉक्टर ने बताया- बच्चे को गंभीर हालत में हमारे यहां लेकर आए थे। उसका सिर फटा हुआ था। हमारे अस्पताल में न्यूरो सर्जन की व्यवस्था नहीं है। इसलिए बच्चे को हायर हेल्थ इंस्टीट्यूट में रेफर कर दिया गया था। ताकि उसे जल्द से जल्द सही उपचार मिल सके।

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