खंडवा। मध्यप्रदेश के खंडवा के एक युवक को आतंकी संगठन IS से संबंध के आरोप में कोलकाता एसटीएफ पुलिस ने गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार युवक से एसटीएफ ने एक मोबाइल, पेन ड्राइव और जरूरी दस्तावेज बरामद किए हैं। कोलकाता पुलिस ने एक संदिग्ध आतंकी को गिरफ्तार किया था। उससे संबंध रखने के मामले में ही खंडवा के अब्दुल रकीब को भी पकड़ा है। एसटीएफ की टीम ने खंडवा आकर उसकी गिरफ्तारी की है। रकीब का पश्चिम बंगाल में संदिग्ध आतंकी गतिविधियों से कनेक्शन मिला है। सोशल मीडिया पर ऐसी गतिविधियों को अंजाम दिया जा रहा था, जो देशहित में नहीं है। इस वजह से जब एसटीएफ की टीम ने पश्चिम बंगाल के सोशल मीडिया ग्रुप्स की छानबीन की तो उसमें खंडवा के रकीब से जुड़ने की बात सामने आई।
शहर के खानशाहवली
में रहने वाले सिमी के सदस्य रहे अब्दुल रकीब को सोमवार को कोलकाता (स्पेशल टॉस्क फोर्स)
की टीम ने गिरफ्तार कर लिया। कोलकाता के एक मामले में आतंकी कनेक्शन जुड़ने पर रकीब
को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस अधीक्षक विवेक सिंह ने बताया कि कोलकाता एसटीएफ ने
एक मामले में आरोपी को गिरफ्तार करने में मदद मांगी थी। खंडवा के अब्दुल रकीब कुरैशी
पर कोलकाता के थाने में धारा 121, 121ए, 122, 123 और 120बी के तहत केस दर्ज किया है।
विवेक सिंह ने बताया कि रकीब को पहले भी यूएपीए के तहत गिरफ्तार किया जा चुका है। वह
पूर्व में सिमी का सदस्य रहा है। फिलहाल एक मामले में जमानत पर बाहर है।
रकीब का कनेक्शन
स्पष्ट नहीं
पुलिस ने यह
स्पष्ट नहीं किया है कि आखिर किस आतंकी गतिविधि से रकीब का कनेक्शन जुड़ा है। परिजन
ने देश विरोधी गतिविधियों पर रकीब के कनेक्शन से इनकार किया है। भाई अब्दुल रशीद का
आरोप है कि रकीब नमाज पढ़कर दुकान पर आ रहा था। रास्ते में टीम उसे उठाकर अपने साथ
ले गई। इसकी सूचना भी हमें नहीं दी। रकीब के भाई रशीद अन्य परिजनों के साथ एसपी विवेक
सिंह के पास पहुंचे। उन्होंने एसपी को शिकायती आवेदन दिया। इसमें उन्होंने जिक्र किया
कि बिना सूचना दिए भाई को जबरदस्ती उठाकर ले गए हैं। मुझे आशंका है कि एसटीएफ जबरदस्ती
आपराधिक गतिविधियों में संलिप्तता बताकर उसके खिलाफ केस दर्ज करवा सकती है। उसके साथ
कोई अप्रिय घटना भी हो सकती है।
रकीब सात साल
जेल में रहने के बाद आया था बाहर
रकीब व उसका भाई रशीद सिमी से
जुड़े थे। पुलिस ने इन्हें गिरफ्तार कर जेल भेजा था। सात साल तक सजा काटने के बाद
2013-14 में बाहर आए थे। उसके बाद वह मैकेनिक के तौर पर ऑटोमोबाइल का धंधा करने लगा।
रकीब व उसके भाइयों की दुकान भी है। रशीद ने बताया कि जिला कोर्ट से उनका फैसला हो
चुका है। कोर्ट ने बरी कर दिया था लेकिन एटीएस ने फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील
की। तब से लगातार रकीब पेशी पर भी जा रहा है।
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