उज्जैन। मध्यप्रदेश में उज्जैन शहर में चायना डोर से एक मासूम बच्ची की जान जाते-जाते बच गई। बच्ची अपने पिता के साथ स्कूल से घर लौट रही थी, इसी दौरान उसका गला चाइना डोर के संपर्क में आने की वजह से कट गया। जानकारी के अनुसार बच्ची अपने पिता के साथ दोपहिया वाहन पर बैठकर स्कूल से घर जा रही थी। उसी दौरान कोतवाली थाने के समीप गले में चायना डोर उलझ गई थी। गनीमत रही की समय रहते पिता ने वाहन रोक दिया, जिससे गले में हल्की खरोंच लगी। मोहम्मद गुलशेर निवासी मिल्कीपुरा मंगलवार को अपनी बेटी साहिबा को संत मीरा स्कूल से दोपहिया वाहन पर आगे की ओर बैठाकर घर जा रहे थे। कोतवाली थाने के समीप आगे बैठी साहिबा के गले में चायना डोर फंस गई। जिस पर वह तेजी से चिल्लाई तो उसके पिता ने वाहन रोक दिया। चायना डोर के कारण बालिका के गले में खरोंच आई है।
पिता गुलशेर
उसे लेकर जिला अस्पताल पहुंचे, जहां प्राथमिक उपचार के बाद उसे अस्पताल से छुट्टी दे
दी। समय पर वाहन रोकने से बालिका के साथ गंभीर हादसा नहीं हुआ है। पिता ने कहा कि बच्चों
को आगे ना बैठाएं। गुलशेर ने बताया कि मंगलवार शाम को करीब चार बजे स्कूल की छुट्टी
होने पर वह बालिका को बाइक पर आगे की ओर बैठाकर घर जा रहे थे। कोतवाली थाने के समीप
मोहन टाकिज रोड से गुजर रहे थे। उसी दौरान बालिका के गले में चायना डोर फंस गई थी।
जिस पर वह चिल्लाई थी। भीड़ भरा क्षेत्र होने से वाहन की गति काफी धीमी थी।
जिससे उन्होंने
समय पर वाहन रोक दिया। हालांकि इसके बाद भी डोर से बच्ची के गले में चमड़ी कट गई थी।
जिस पर वह उसे लेकर जिला अस्पताल गए थे। घाव गहरा नहीं होने के कारण डॉक्टर ने प्राथमिक
उपचार के बाद छुट्टी दे दी थी। गुलशेर का कहना है कि लोगों से अपील है कि वह पतंगबाजी
में चायना डोर का उपयोग ना करें, जिससे की किसी की जान पर ना बन जाए। इसके अलावा गुलशेर
का कहना है कि मां-बाप भी अपने बच्चों को वाहन पर आगे की ओर ना बैठाएं।
बता दें उज्जैन में कुछ वक्त
पहले एक स्कूटी सवार युवती की चाइना डोर की चपेट में आने की वजह से मौत हो गई थी। वहीं,
उज्जैन जिला कलेक्टर ने चाइना डोर की बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया है लेकिन इसके बावजूद
शहर में चाइना डोर धड़ल्ले से बेची जा रही है और मासूम लोग इसकी चपेट में आकर अपनी
जान गंवा रहे हैं।
Post a Comment