उज्जैन। उज्जैन में महाकाल लोक के निर्माण के बाद महाकाल मंदिर में बढ़ी श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए नई व्यवस्था की जाएगी। महाशिवरात्रि पर्व इस साल इसलिए भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि प्रदेश सरकार भी महाशिवरात्रि को शिव दीपावली मनाने जा रही है, जिसके तहत उज्जैन में 21 लाख दीपक जलाकर गिनीज बुक में नाम दर्ज किया जाएगा।

मंदिर प्रशासक संदीप कुमार सोनी ने बताया, 31 दिसंबर और एक जनवरी को देशभर से छह लाख से अधिक श्रद्धालु भगवान महाकाल के दर्शन करने आए थे। ऐसे में अनुमान लगाया जा रहा है कि महाशिवरात्रि पर श्रद्धालुओं की संख्या 10 लाख से अधिक रहेगी। इसको लेकर वृहद स्तर पर दर्शन प्लान तैयार किया जाएगा। नए साल में जो कुछ कमियां रह गईं थी, उनसे सबक लेते हुए महाशिवरात्रि के समय और अधिक पुख्ता इंतजाम किए जाएंगे।

10 फरवरी से होगी उत्सव की शुरुआत...

महाकाल मंदिर में फल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि पर 10 फरवरी से शिव नवरात्र की शुरूआत होगी। भगवान महाकाल दूल्हा बनेंगे और नौ दिन तक संध्या आरती में भगवान का नित नया श्रंगार होगा। 18 फरवरी को महाशिवरात्रि पर दिनभर भगवान का जलाभिषेक होगा। मध्य रात्रि महानिषाकाल में महाकाल की महापूजा होगी। 19 फरवरी को तड़के चार बजे भगवान के शीश सवा मन फूल और फलों से बना सेहरा सजाया जाएगा। इसके बाद दोपहर 12 बजे साल में एक बार दिन में होने वाली भस्म आरती होगी। महाशिवरात्रि के दो दिन बाद फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया पर 21 फरवरी को भगवान महाकाल का पंचमुखारविंद श्रंगार होगा। इस दिन भक्त भगवान महाकाल के एक साथ पांच रूप में दर्शन कर सकेंगे। भगवान का पंचमुखारविंद श्रंगार भी साल में एक बार ही होता है।

अलग-अलग स्वरूप में दर्शन देंगे महाकाल...

मंदिर के पुजारी पंडित महेश पुजारी के अनुसार, शिव नवरात्रि पर भगवान के शेषनाग, मनमहेश, चंद्रमौलेश्वर, शिव तांडव, उमा महेश, होल्कर, घटाटोप तथा सप्त धान मुखारविंद में दर्शन होंगे। धार्मिक नगरी उज्जैन मे महाशिवरात्रि पर्व पर एक भव्य कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है, जो कि हफ्ते भर तक आयोजित होगा। इस कार्यक्रम की विशालता इतनी अधिक रहेगी कि रामघाट के साथ ही इसे शहर के विभिन्न स्थलो पर आयोजित किया जाएगा।

वैसे तो इस आयोजन में अभी काफी समय बचा हुआ है, लेकिन आयोजन भव्यता के साथ-साथ दिव्यता से परिपूर्ण हो। इसीलिए आयोजन को लेकर अभी से तैयारियों का दौर शुरू हो चुका है। दरअसल, इस आयोजन को लेकर शिक्षा मंत्री डॉ मोहन यादव ने बताया कि महाशिवरात्रि 18 फरवरी 2023 से लेकर 22 मार्च 2023 तक भव्य कार्यक्रम उज्जैन में किया जाएगा। जहां महीने भर तक चलने वाले इस कार्यक्रम में 18 फरवरी 2023 को महाशिवरात्रि पर्व पर शिव दीपावली मनाकर शिप्रा नदी रामघाट एवं अन्य घाटों पर 21 लाख दीपक जलाकर गिनीज बुक मे नाम दर्ज कराया जाएगा।

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