जगजीतसिंह भाटिया
प्रधान संपादक

इस सप्ताह एनआईए, ईडी और राज्य पुलिस ने एक साथ 15 राज्यों में में कार्रवाई कर 106 लोगों को गिरफ्तार किया। कारण जो सामने आया, उसमें पीएफआई (पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया) देश की एकता और अखंडता के लिए खतरा बन रहे हैं। इस कार्रवाई का विरोध किया जा रहा है? केरल में 70 सरकारी बसों को उपद्रवियों ने फोड़ दिया। आखिर क्यों? जो लोग देश के लिए खतरा बन रहे हैं, उस पर भी सख्ती नहीं की जाए? प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बिहार यात्रा में गड़बड़ी तक तक रचि जाने की बातें एनआईए की जांच में सामने आई साथ ही युवाओं को आतंकी बनने की ट्रेनिंग तक दी जाने लगी थी। ऐसे संगठनों जो देश विरोधी गतिविधियों में लिप्त पाए जा रहे हैं, उन पर हमेशा के लिए प्रतिबंध लगा दिया जाना चाहिए।  देश में  धर्म और मजहब के नाम पर देश में जो चल रहा है, वो ठीक नहीं है। लोगों को मिलकर रहना चाहिए, लेकिन युवा पीढ़ी समझ नहीं पा रही है। चाहे प्रकृति हो, चाहे धर्म हो, हमें समानता ही सिखाते हैं। पीएफआई मुस्लिमों के नाम पर टेरर और आतंक के साथ भारत को झुकाने का सपना देख रहा है, जबकि अगर कोई सच्चा मुसलमान होगा तो झुकाने में नहीं झुकने में अपनी ऊंचाई का अनुभव करेगा। आतंक का कोई धर्म और मजहब हो ही नहीं सकता, क्योंकि आतंकी निर्दोषों की जान लेता है। आतंक एक अपराध है, जो भी अपराधी हैं चाहे वह पीएफआई से हों चाहे किसी भी दूसरे हिंदू संगठन से हों उसको खत्म करना सरकार का दायित्व है और वह कर रही है। ऐसी राजनीतिक धारणा बनाई गई है कि भारत में मुसलमानों को दिक्कत है, लेकिन ऐसा कतई नहीं है। सब मिल-जुलकर काम कर रहे हैं। मुस्लिम समुदाय के राजनीतिक ठेकेदार धारणा को लगातार बढ़ाकर अपना राजनीतिक स्वार्थ साधते रहते हैं। अगर इतिहास के पन्नों को पलटेंगे तो पता चलेगा कि अंग्रेजों ने भी हिंदू मुस्लिम के नाम पर समाज को बांट कर राज किया था। वही अंग्रेजी मानसिकता आजाद भारत में भी लंबे समय तक राजनीति का आधार बनी रही।  मुस्लिमों को उनके नाम पर संगठन बनाकर आतंकी नेटवर्क चलाने वाले लोगों से सावधान रहना होगा। भारत में तालिबानी सोच नहीं चल सकती है, जो देशद्रोही हैं उन पर लगाम लगाना जरूरी हो गया है...।

Post a Comment

Previous Post Next Post