भोपाल/मंडीदीप सट्टेबाजी और क्रिप्टो करंसी के मकड़जाल में फंस कर कर्जदार हुए किसान पुत्र शिवम मीना ने रिश्ते में अपने भाई के साथ मिलकर अपने आप को लूटने की योजना बनाई, जिसे 16 सितंबर के दिन अंजाम दिया। पुलिस को गुमराह करने एवं घटना से संबंधित कोई सुराग छूटे, इसकी फुल प्लानिंग की गई। आइजी दीपिका सूरी ने जानकारी देते हुए बताया कि फरियादी पर लाखों का कर्ज था, जिसकी भनक परिजनों तक को नही थी। उसी कर्ज से छुटकारा पाने के लिए शिवम ने आयुष जैन पिता अनूप जैन, दीपक मीना पिता बाला प्रसाद मीना, संजय मीना पिता दौलतराम मीना थाना उमरावगंज के साथ मिलकर अपने आप को लूटने की योजना बनाई। आयुष जैन का नाम 15 दिन पहले पांच लाख साठ हजार की ठगी के प्रकरण में आया था। गौरतलब है कि औद्योगिक नगरी मंडीदीप में शिवम मीना को 19 सितंबर के दिन उस वक् दो अज्ञात बाइक सवारों ने लूट लिया था, जब वह अपने एक साथी के साथ बैंक से रकम निकालकर घर की ओर जा रहा था।

आठ सौ स्थानों के देखे सीसीटीवी कैमरे

पुलिस अधीक्षक विकास कुमार सहवाल ने बताया कि पुलिस के लिए यह लूट की वारदात चुनौती थी, जिसे हमने चार दिन की कड़ी मेहनत और करीब आठ सीसीटीवी फुटेज देखने के बाद इसे ट्रेस कर लिया। आइजी ने बताया की तीन आरोपितों से 50-50 हजार जबकि एक आरोपित से साढ़े तीन लाख की राशि पुलिस ने बरामद कर ली है। लूट की बाकी रकम एक खाते में जमा करना बताया गया। उन्होंने बताया कि इस मामले में पुलिस अधीक्षक विकास सहवाल, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अमृत लाल मीणा के मार्गदर्शन में एवं एसडीओपी मलकीत सिंह के नेतृत्व में थाना प्रभारी मंडीदीप मनोज सिंह के हमराह औद्योगिक थाना प्रभारी विजय त्रिपाठी, गौहरगंज थाना प्रभारी राजकुमार चौधरी की विशेष टीम के साथ उप निरीक्षक विनोद परमार, उप निरीक्षक तेजपाल सिंह, उनि नरेंद्र पांडे आदि का विशेष योगदान रहा। पुलिस आरोपितों से पूछताछ कर रही है।

 


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