पुलिस का रवैया बड़ा विचित्र है, कमजोरों पर रौब और रसूखदारों के आगे नतमस्तक नजर आती है। अभी कुछ दिन पहले इंदौर का एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें ट्रैफिक जवान से मुस्लिम युवक और महिला ने मारपीट की थी। महिला आपे से बाहर हो रही थी और पुलिसवाला मार खा रहा था...। ठीक इसके विपरीत जबलपुर की एक घटना सामने आई, जिसमें एक बुजुर्ग व्यक्ति ने कुछ जानकारी चाही तो पुलिस वाले ने उसे घसीटा, मारा-पीटा और प्लेटफॉर्म पर उलटा तक लटका दिया। अब रौबदारों की बात की जाए तो पूर्व मुख्यमंत्री ने पुलिसवाले की कॉलर पकड़ ली...झूमाझटकी भी की। अपराधियों में भय और आमजन में विश्वास’ जैसे पुलिस के इस स्लोगन से हर कोई वाकिफ है। लेकिन देखने में आ रहा है कि विश्वास तो बचा ही नहीं, बल्कि डर पैदा होता जा रहा है। पुलिसकर्मी अफसर से कम नहीं है, अपनी वर्दी का रौब दिखाने में पीछे नहीं रहते हैं...। इंदौर में अपराध बढ़ते जा रहे हैं, पुलिस रोक नहीं लगा पा रही है। शहर रातभर खुला रहेगा, इस दिशा में काम किया जा रहा है। क्या रात में काम करने वाले लोग सुरक्षित हो पाएंगे। यह सवाल इसलिए उठ रहा है कि एक डिलीवरी ब्वॉय की जो रात में काम पर था, उसकी हत्या कर दी गई..। इस महीने में इंदौर में रात में कई लूट की घटनाएं हुईं...। पुलिस रौबदार गुंडों के आगे भी नतमस्तक है...। क्योंकि इनकी दुकान भी इन्हीं से चलती है। पुलिस पर जो आरोप लगते हैं, उसमें सच्चाई ही होती है...। कई पुलिसवाले रात में नशे में ड्यूटी करते हैं। जनता की ही क्यों जांच की जाती है, आपके डिपार्टमेंट की भी जांच कर लो। आला अफसर यदि ब्रिथएनालाइजर लेकर रात में शहरभर के
थानों पर जांच कर ले, 100 में से 90 झूमते हुए मिल जाएंगे।
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