युवा चेहरे के रूप में शहर को पुष्यमित्र भार्गव मिले..., अब इंदौरियों को नए महापौर से काफी उम्मीदें हैं। चुनाव प्रचार के दौरान भार्गव कह चुके हैं कि शहर का विकास पहली प्राथमिकता होगी...। जैसे घर में मुखिया होता है और उसकी जवाबदेही पूरे परिवार को लेकर होती है... ठीक उसी तरह अब भार्गव शहर के मुखिया बन गए हैं..., और शहर की जिम्मेदारी उनके कांधों पर आ गई है...। वो खुद एक महाधिवक्ता रहे हैं और शहर की नब्ज से वाकिफ भी हैं। कुछ वर्षों से शहर को अफसर अपनी मनमर्जी से चला रहे हैं..., कई खामियां दिखाई पड़ती हैं, उनके काम करने के तरीकों से..., नगर निगम में जनता के पैसों का दुरुपयोग होता है...। कई जगह डिवाइडर बरसों से सही है, लेकिन फिर भी उन्हें तोड़कर नए बनाए जा रहे हैं...। ऐसा क्यों? कुछ सालों पहले कुलकर्णी के भट्टे का पुल जर्जर हो गया था, जिसे तोड़कर नया बनाया गया। जब पुल का निर्माण चल रहा था तो इस दौरान नाके पर लाखों रुपए खर्च कर सौंदर्यीकरण किया गया..., जैसे ही पुल बनकर तैयार हुआ, रोड चौड़ी की गई तो जो सौंदर्यीकरण किया गया था, उसे तोड़ दिया गया। एेसा शहरभर में कई जगह किया जा रहा है। ब्लॉक पैवर्स लगाने में बड़ा ‘खेल’ हो रहा है...। नगर निगम 3 प्रतिशत रिश्वत को लेकर हमेशा सुर्खियों में रहता है, आवासीय नक्शों की स्वीकृति पर धड़ल्ले से कमर्शियल निर्माण हो रहे हैं..., पार्किंग व्यवस्था नहीं की जाती और ऐसी मल्टियों के वाहन सड़कों पर खड़े हो रहे हैं और यातायात व्यवस्था बिगड़ रही है..., ऐसी कई आफत है, जिससे शहर का दम घुटते जा रहा है... क्या अव्यवस्थाओं पर अंकुश लगेगा...? ऐसी कई चुनौतियां है आपके सामने...। जिस उम्मीद से शहर की जनता ने आपको शहर का मुखिया बनाया है... तो आशा है आप उनके सपनों को टूटने नहीं दोगे...!
जगजीतसिंह भाटिया
प्रधान संपादक
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