बात न्याय की होनी चाहिए...इनके मकान तोड़ोगे या इन्हें बख्शोगे? अपराधियों को सजा
इंदौर। अपराध आखिर अपराध ही होता है, चाहे गुंडा करे या अफसर, नेता, डॉक्टर, वकील, इंजीनियर या कोई और...। हत्या जैसे अपराध होने पर भी सजा का प्रावधान सभी के लिए एक समान है और अपराधियों को सजा भी मिलती आई है, चाहे वो किसी भी पद पर हो।
मध्यप्रदेश में गुंडाराज नहीं चलेगा, इसके लिए शिवराज सिंह चौहान की सरकार कटिबद्ध है और अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई भी की जा चुकी है और हो भी रही है। 23 मार्च की रात बोरिंग की बात पर महू में बड़ा विवाद हो गया। इसमें दो गुट भिड़ गए और सड़क पर तीन घंटे तक उत्पात मचाया गया, क्योंकि भाजपा नेता के बेटे की हत्या कर दी गई थी। जानकारी के अनुसार 30 से अधिक बदमाशों ने तीन घंटे तक उपद्रव किया, जो लोग मिले उसके पीटते रहे, बाइक जलाई, मोबाइल छीने, पिगडंबर से लेकर राऊ तक फोरलेन पर जाम लगा था।
इस घटना के बाद कलेक्टर ने सख्ती दिखाई और उपद्रवियों के मकान अगले दिन यानी 24 मार्च को नेस्तनाबूद कर दिए। इस कार्रवाई से गुंडों और बदमाशों में खौफ तो मध्यप्रदेश में है ही कि यदि अपराध किया तो मकान-दुकान टूटने तय है।
विडंबना देखिए कि शासन कार्रवाई सभी के साथ समान नहीं करता, अर्थात गुंडे-बदमाशों के खिलाफ कार्रवाई तो करता है, लेकिन प्रदेश सरकार की व्यवस्था के अधीन रहकर शासन के हितों को दरिकनार कर अपना घर भरने वाले सरकारी नौकरों को छोड़ दिया जाता है। कुछ ऐसा ही मामला अभी हाल ही सामने आया है।
अपराध तो अपराध है, चाहे कोई करे
अभी हाल ही में इंदौर में एक बड़ा मामला उजागर हुआ। ईओडब्ल्यू की रिपोर्ट की माने तो ड्रग ट्रायल में इंदौर के छह सरकारी डॉक्टरों पर आरोप है कि इनके हाथों 81 लोगों की मौत हो गई। बड़ी बात यह है कि ड्रग ट्रॉयल के इन आरोपी डॉक्टर्स से कमाई का 50 प्रतिशत जमा कर उनके खिलाफ जांच बंद करने की तैयारी चल रही है।
ट्रायल हम पर हुए थे, फिर सरकार क्यों ले रही पैसा
क्लिनिकल ट्रायल्स विक्टिम्स वेलफेयर सोसायटी के अध्यक्ष अजय नाइक कहते हैं कि 81 लोग ट्रायल के बाद मारे गए थे। अब तक किसी को मुआवजा नहीं दिया गया है। सरकार किस आधार पर ये राशि ले रही है। यह राशि पीड़ितों के परिवार को दी जानी चाहिए।
इन्हें बरी कर रहे, हम अभी तक हाजिरी दे रहे
एथिकल कमेटी के समक्ष पहली सुनवाई के दौरान डॉक्टर्स व पीड़ितों के परिजन में झूमा-झटकी हुई थी। एक पीड़ित के परिजन पर सरकारी काम में बाधा का केस दर्ज किया। एडवोकेट अपूर्व जैन कहते हैं, जिन्होंने अपराध किया उन्हें बरी कर रहे और हम कोर्ट के चक्कर काट रहे हैं।
इन डॉक्टरों ने कमाए इतने रुपए
डॉक्टर मरीज मृत्यु कमाई कहां हुआ ट्रॉयल
अनिल भराणी 400 30 1.53 करोड़ एमवायएच
सलिल भार्गव 300 18 1.05 करोड़ एमवायएच
अपूर्व पुराणिक 40 08 26 लाख एमवायएच
अशोक वाजपेयी 35 07 48 लाख एमवायएच
पुष्पा वर्मा 32 -- 08 लाख एमवायएच
अभी तक तय नहीं इस राशि का क्या करेंगे
डॉक्टर्स से जो राशि वसूल की जा रही है उसका क्या किया जाएगा, यह अब तक तय नहीं है। 2010-11 में भी डॉक्टर्स से स्वशासी मद में पैसा जमा कराया गया था। तत्कालीन डीन ने आला अफसरों से पूछा कि इसका क्या करना है तो जवाब मिला अभी एफडी करा दो बाद में देखेंगे।
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