जवाबदेही @ इंदौर

स्पा सेंटर का बोर्ड टंगा है, इसे देखकर ही मसाज कराने वाले रिसेप्शन काउंटर पर पहुंचते हैं। सामने से महिला या पुरुष जो भी हो, वह ग्राहक का स्वागत करता है। पीने का पानी दिया जाता है। इसके बाद पूछते हैं, बताएं सर कैसा मसाज लेंगे। थाई, स्वीडिश, डिप टिश्यू और ट्रिगर प्वाइंट आदि दर्जनभर मसाज का विकल्प दिया जाता है। किस लड़की या महिला से मसाज कराना है, यह च्वाइस भी देते हैं। ग्राहक रूम में पहुंच जाता है। करीब तीस मिनट बाद मसाज गर्ल्स कुछ कहती है, उसे सुनकर ग्राहक हक्का-बक्का रह जाता है। सर, एक्स्ट्रा सर्विस क्या लेंगे। जी हां, यही वे शब्द हैं। कई ऑप्शन मिलते हैं। बस यहीं से स्पा सेंटरों का गुलाबी धंधा शुरू होता है।

रूम में ही तय होता है एक्स्ट्रा 

सर्विस का रेट

मसाज गर्ल्स एक्स्ट्रा सर्विस के कई रेट ग्राहक के सामने रखती है। आमतौर से ग्राहक को एक्स्ट्रा सर्विस के दो हजार से लेकर पांच हजार रुपये तक बताए जाते हैं। इसमें सौदेबाजी भी होती है। कई बार यह भी होता है कि मसाज का समय पूरा होने के बाद ग्राहक तय राशि देने से मना कर देता है, इसलिए हम एक्स्ट्रा सर्विस से पहले ही रुपये ले लेते हैं। आप यह जानकर आश्चर्यचकित होंगे कि शादीशुदा महिलाएं भी एक्स्ट्रा सर्विस के लिए आगे आती हैं। हालांकि आजकल हर ग्राहक एक्स्ट्रा सर्विस पर ही फोकस करने लगा है।

पहले कारोबारी और शादीशुदा व्यक्ति आते थे, अब कॉलेज-यूनिवर्सिटी वाले स्टूडेंट की भरमार हो गई है। स्टूडेंट्स पहुंचते हैं और च्वाइस वाली गर्ल या महिला ढूंढते हैं। पार्लर संचालक इन्हें ग्राहक के सामने कुछ समय के लिए पहुंचाता है जहां ये लड़कियां ‘हेलो सर’ बोलकर चली जाती है। इन्हें देखकर ग्राहक जिसे पसंद करता है, वह, रूम में पहुंच जाती है। लड़कियां अपना नाम बदलकर इस धंधे में आती हैं। चूंकि सभी मसाज गर्ल्स घर पर या परिचितों को यही बताती है कि वह किसी दफ्तर में काम करती है। कुछ लड़कियां ब्यूटीपार्लर का नाम लेती हैं। स्पा सेंटर पर काम करना, यह एक राज ही रहता है। 

साक्षात्कार होता है

जॉब लेने से पहले लड़कियों का साक्षात्कार होता है। स्पा सेंटर मालिक कई दफा तो दूसरी बार भी बुला लेता है। इसमें ग्राहक कोई दूसरा नहीं होता, बल्कि सेंटर मालिक या उसका पार्टनर रहता है। अगर कोई लड़की फुल एक्स्ट्रा सर्विस नहीं करेगी तो उसकी जॉब खटाई में पड़ जाती है। आजकल नई लड़कियां ही इस धंधे में ज्यादा आ रही हैं। अगर किसी मसाज गर्ल्स से कोई ग्राहक खुश होता है तो वह अगली बार रिसेप्शन पर उसी से मसाज लेने की बात कहता है।

पहले सेलरी मिलती थी, लेकिन अब...

जिस तरह स्पा सेंटर का प्रचलन बढ़ता जा रहा है, वहां मसाज की आड़ में गंदे काम ही होते हैं। पहले जो लड़कियां नौकरी करने जाती थी, उन्हें 10 से 15 हजार रुपए महीना वेतन मिलता था, लेकिन अब वेतन नहीं दिया जाता। रिसेप्शन पर ग्राहक से 1-2 हजार रुपये लेकर उन्हें रूम में भेज दिया जाता है। मसाज गर्ल्स को अंदर ही सेटिंग करनी होती है। 

दिल्ली में रोजाना पांच करोड़ रुपए का गुलाबी धंधा 

स्पा सेंटरों के गुलाबी धंधे का रेट इलाके के अनुसार तय होता है। हौजखास, साकेत, मालवीय नगर, ग्रीनपार्क, महिपालपुर, लाजपत नगर और ग्रेटर कैलाश आदि इलाकों में प्रवेश शुल्क यानी जो रुपये रिसेप्शन पर दिये जाते हैं, वह करीब दो हजार रुपये है। द्वारका मेट्रो लाइन पर बने स्पा सेंटरों में यह शुल्क आठ सौ रुपये से लेकर दो हजार रुपये तक रहता है। अब अधिकांश जगहों पर हजार-पंद्रह सौ रुपये ही प्रवेश शुल्क लग रहा है। कालकाजी इलाके में लंबे समय से स्पा सेंटर चला रहे एम. शकील का कहना है कि दिल्ली में करीब आठ सौ स्पा सेंटर हैं। 

पंजाबी बाग क्लब रोड पर ही डेढ़ सौ से ज्यादा स्पा सेंटर खुले हैं। एक सेंटर पर कम से कम पांच-सात लड़कियों का स्टाफ रहता है। रात तक एक मसाज गर्ल्स पांच हजार रुपये तो कमा ही लेती है। कई बार कोई ग्राहक ऐसा भी मिल जाता है जो अकेले ही इतनी राशि बतौर टिप दे देता है। अगर सभी सेंटरों को देखें तो यह कारोबार रोजाना चार करोड़ और प्रति माह 120 करोड़ रुपये तक पहुंच जाता है। अब ऐसे ही स्पा सेंटरों की कमाई की बात करते हैं। जो राशि केवल रिसेप्शन पर दी जाती है, अगर उसे मिलाएं तो रोजाना एक करोड़ बीस लाख रुपये बनते हैं। प्रतिमाह यह राशि तीस करोड़ से ज्यादा की बैठती है। जीएसटी का कहीं कोई चक्कर नहीं होता। ग्राहक को खुश करने के लिए कहा जाता है कि चलो हमने जीएसटी छोड़ दिया है। हालांकि ज्यादातर जगहों पर ग्राहक नकद पेमेंट करता है।

सिविक एजेंसियां और पुलिस...सब सेटिंग का खेल है
दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने कई माह पहले दिल्ली पुलिस, श्रम विभाग और सिविक एजेंसियों से उनके इलाके में चलने वाले स्पा सेंटरों की सूची मांगी थी। कितनों के पास लाइसेंस है, कितनों के खिलाफ कार्रवाई हुई है, स्पा सेंटरों का निरीक्षण कौन करेगा, आदि जानकारी देने के लिए कहा गया था। आयोग का कहना है कि अभी ऐसी कोई जानकारी हमारे पास नहीं आई है। दूसरी ओर, स्पा सेंटर संचालकों का कहना है कि दिल्ली के सभी इलाकों में चल रहे सेंटर सेफ हैं। यहां रेड का कोई चक्कर ही नहीं है। तय समय पर सभी के पास उनका हिस्सा पहुंच जाता है। ऐसा नहीं है कि किसी को कुछ पता नहीं है, सब जानते हैं कहां क्या चल रहा है। सेटिंग तो हर जगह रखनी पड़ती है।

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