इंदौर में अयोध्या से 200 से ज्यादा कावंड़िए दौड़ लगाते हुए इंदौर पहुंचे और महादेव मंदिर में जल चढ़ाया। इसे डाक कावंड भी कहा जाता है। कावड़िए बारी-बारी से कावड़ लेकर दौड़े।200 कावंडि़ए भगवान राम की जन्मस्थली अयोध्या सरयू तट से जल भरकर एक हजार से ज्यादा किलोमीटर दिन-रात दौड़ते हुए 72 घंटे यानी तीन दिन में कावड़ लेकर इंदौर पहुंचे। इंदौर में रामेश्वर महादेव का सरयू तट के जल से अभिषेक किया।यह यात्रा अयोध्या के सरयू तट से शाम 4 बजे दौड़ते हुए शुरू हुई थी।

इसमें कावड़िए बारी- बारी से कावड़ लेकर बिना रुके दौड़ लगाते हुए लखनऊ, कानपुर, कालपी, झांसी,शिवपुरी, गुना, शाजापुर होते हुए शुक्रवार को मक्सी,देवास के बाद इंदौर पहुंचे।72 घंटे में यह डाक कावड़ यात्रा के दौरान पूरी की। भोले की भक्ति में डूबे कावड़िए दिन-रात दौड़ते हुए कावड़ लेकर इंदौर आए। जगह-जगह उनका सत्कार भी किया गया।

क्या है डाक कावंड यात्रा

सीताराम नॉन स्टॉप डाक कावड़ यात्रा वो है जिसमें एक कावड़ को बारी-बारी से कावड़िए लेकर दौड़ते हैं। ये कहीं रुकते नहीं हैं दिन रात ये यात्रा जारी रहती है। अनवरत दौड़ते हुए शुक्रवार शाम कावड़िए इंदौर पहुंचे और शहर के विभिन्न मार्गों से होते हुए स्कीम 78 स्थित रामेश्वर महादेव मंदिर पहुंचे।जहां महादेव का जल से अभिषेक किया।

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