इंदौर के सिरपुर तालाब को रामसर साइट का दर्जा मिला है। यहां विदेशी परिंदे ठंड के दिनों में आते है और प्राकृतिक रुप से भी यह समृद्ध है। जिसके चलते इसे रामसर साइट घोषित किया गया। पूरे विश्व में 64 लोकेशन ही इसमें शामिल है, लेकिन रखरखाव की अनदेखी के चलते तालाब में जलकुंभी उग आई है। छोटे तालाब के आधे हिस्से में यहीं हाल है। इसके अलावा आसपास की बस्तियों को प्रदूषित जल भी तालाब में मिल रहा है।
होलकर काल में बने सिरपुर तालाब को सहेजने की बात हमेशा नगर निगम करता आ रहा है। इस तालाब के पिछले हिस्से में काफी अतिक्रमण हो चुका है और किनारे पर ही निर्माण होने लगे है। दो माह पहले नगर निगम ने तालाब के पिछले हिस्से 20 से ज्यादा अवैध निर्माण हटाए। दरअसल तालाब के चारों तरफ बाउंड्रीवाल नहीं है। इसके अलावा तालाब में मछलियों का अवैध शिकार भी करने के लिए लोग आ जाते है।
सिरपुर तालाब को रामसर साइट का दर्जा वैज्ञानिकों की सहमति के बाद मिला। एक टीम तालाब का सर्वे करने आई थी। तालाब के ईको सिस्टम, तालाब में पाई जाने वाली मछलियों की प्रजाति, तालाब के आसपास पाए जाने वाले परिंदों की प्रजाति, तालाब की बायोडायवर्सिटी, झील का पर्यावरण में योगदान सहित अन्य मापदंड़ों को वैज्ञानिकों ने परखा और फिर तालाब को रामसार साइट घोषित किया गया था, तालाब में जलकुंभी उगने के कारण तालाब में गंदगी भी ज्यादा फैल रही है।बस्ती का कचरा उड़कर तालाब में आ जाता है। दो साल पहले तालाब की मछलियां भी हजारों की संख्या में मर गई थी।
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