पीथमपुर में लोगों के प्रदर्शन को देखते हुए पुलिस ने चारों तरफ से आने-जाने के रास्ते बंद कर दिए हैं। इंदौर जाने का रास्ता पूरी तरह से बंद है। यहां लोगों को पीने का पानी भी नहीं मिल रहा है। खाने का सामान भी नहीं है। यहां की फैक्ट्रियों में काम करने वाले मजदूर परेशान हो रहे हैं।
पीथमपुर में कचरा जलाने के विरोध में हो रहे प्रदर्शन के बीच दो युवकों ने आत्मदाह की कोशिश की। पीथमपुर निवासी राजू पटेल और राजकुमार रघुवंशी ने खुद के शरीर पर पेट्रोल डाल लिया और आग लगा ली। अन्य प्रदर्शनकारियों ने उन्हें बताया। पहले पीथमपुर के सामुदायिक केंद्र में उन्हें उपचार के लिए भेजा गया। इसके बाद दोनों को गंभीर हालत में चोइथराम अस्पताल में भर्ती किया गया। आत्मदाह के बाद आंदोलनकारी और भड़क गए। उन्होंने रामकी कंपनी की तरफ जाने की कोशिश की, लेकिन पुलिस ने लाठियां चलाकर भीड़ को तितर-बितर किया।
पीथमपुर में सैलाना के विधायक कमलेश्वर डोडियार 24 घंटे के लिए अनशन पर बैठ गए हैं। डोडियार का कहना है कि 337 मैट्रिक टन जहरीले कचरे को यहां जलाने से लोगों को कैंसर होने का खतरा है। सरकार का रवैया ठीक नहीं है।
पीथमपुर में भीड़ के गुस्से को देखते हुए पुलिस ने मोबाइल नेटवर्क बंद कर दिया है। मोबाइल जैमर लगे वाहनों को भी कई जगह खड़ा किया गया है। अभी तक दो जगहों पर लाठी चार्ज हुआ है। एक जगह वॉटर केनन का भी प्रयोग हुआ है। इससे कई वाहन क्षतिग्रस्त हुए हैं।
प्रदर्शनकारी पीथमपुर की रामकी कंपनी में तोड़फोड़ करने के इरादे से जाने लगे तो पुलिस ने लाठियां चलाकर उन्हें रोका। रामकी कंपनी को प्रशासन ने प्रतिबंधित क्षेत्र घोषित किया है। पूरे इलाके को पुलिस छावनी बना दिया हैै। सड़कों पर बेरिकेड लगाए गए हैं। डेढ़ सौ से ज्यादा पुलिस जवान तैनात किए गए हैं। इस पूरे इंतजाम के कारण अभी तक भीड़ कंपनी परिसर तक नहीं पहुंच पाई है। इंदौर से अतिरिक्त पुलिस बल मंगाया गया है।
प्रदर्शन में बड़ी संख्या में महिलाएं भी शामिल हैं। उनका कहना है कि पीथमपुर में हजारों फैक्ट्रियां है। विषैले कचरे के कारण लोग यहां से पलायन करने लग जाएंगे तो हमारा रोजगार छिन जाएगा। जनप्रतिनिधि भी इस मामले में खामोश हैं। कुछ महिलाएं अपनी चूड़ियां निकाल कर बोलीं-अब हम ये चूड़ियां जनप्रतिनिधियों को भेंट करेंगे।
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