इंदौर के पास की गुलावट लोटस वैली अब एमपी का कश्मीर कहलाने लगी है। खूबसूरत झील में खिलते लाखों कमल, लहरों पर चलती नाव  और सुहाना मौसम इन पलों को यादगार बना देता है। इंदौर आने वाले पर्यटक अब इस पिकनिक स्पाॅट पर जान नहीं भूलते है। बीते दस सालों में गुलावट गांव काफी मशहूर हुआ है। यहां अब प्री वेडिंग  फोटो शूट होने लगे है। पर्यटकों के कारण स्थानीय ग्रामीणों को रोजगार भी मिल रहा है। पर्यटक सुबह हरी-भरी वादियों के बीच सन राइज देखने आते है। शनिवार और रविवार को सबसे ज्यादा भीड़ यहां होती है।

लोटस घाटी देश के सबसे साफ-सुथरे शहर इंदौर जिले में मौजूद है। कई लोग लोटस वैली को गुलावट वैली या घाटी के नाम से भी जानते हैं। लोटस झील करीब 300 एकड़ में फैली है। यह एशिया की सबसे बड़ी लोटस वैली के रूप में भी फेमस है। लोटस वैली की खूबसूरती सोशल मीडिया के कारण दूर-दूर तक प्रसिद्ध हो चुकी है। यही कारण है कि यहां स्थानीय लोग ही नहीं, बल्कि देश के हर कोने से सैलानी घूमने के लिए पहुंचते हैं। जब लोटस झील में लाखों कमल के फूल खिलते है और उनके पत्तों पर बिखरी बूंदों पर सूरज की किरणें अठखेलियां करती है तो यह नजारा यादों में कैद हो जाता है।

प्राकृतिक रुप से समृद्ध इस इलाके में अब विदेशी परिंदे नजर आने लगे है। दरअसल इस झील में हर साल कई किसान कमल के फूलों की खेती भी करते हैं और यहां के कमल के फूल बिकते है। अक्टूबर से फरवरी तक कमल की खेती के कारण इस झील का नजारा शानदार हो जाता है। बड़ी संख्या में पर्यटक जुटने के कारण अब यहां नौका विहार भी होने लगा है। गुलावट वैली फोटोग्राफरों का भी पंसदीदा स्पाॅट बन चुका है। ग्रामीणों ने यहां झोपडि़यां, फूलों से सजी नाव, झूले,मचान बनाकर फोटो शूट के लिए देते है। इसके बदले में उनकी आय हो जाती है। गुलावट में कुछ स्टूडियो भी बन गए है।

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