यूरेशियन ग्रुप की बैठक में शामिल हुए केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री पंकज चौधरी ने कहा कि आर्थिक बदलाव के इस दौर में मनी लांड्रिंग और आतंंकवाद के लिए होने वाली फंडिंग में तकनीक का इस्तेमाल होने लगा है। उन पर कोई एक देश रोक नहीं लगा सकता। इसके लिए विश्व के देशों के संगठित प्रयास जरुरी है। भारत लगातार इस दिशा में काम कर रहा है। डिजिटल ट्रांजेक्शन, यूपीआई का प्रचलन देश में तेजी से बढ़ा है।

आर्थिक अपराधों में लिप्त होकर भगौड़ा घोषित किए गए उद्योगपतियों को लेकर उन्होंने कहा कि पहले की सरकारें तो एक्शन ही नहीं लेती थी। हमारी सरकार ने जांचें शुरू की, सख्ती दिखाई तो वे देश छोड़कर भाग गए। विदेशी कानूनों के कारण थोड़ी समस्या है, लेकिन एजेसियां अपना काम कर रही है।

मीटिंग में राज्यपाल मंगूभाई पटेल ने कहा कि किसी भी देश की अर्थव्यवस्था के लिए मनी लांडिंग खतरा है। इस जटिल समस्या को खत्म करने के लिए विश्व के देशों की अखंडता, एक समान नीतियां और समग्र प्रयास जरुरी है। भारत देश ने बीते कुछ वर्षों में आर्थिक बदलाव के साथ डिजिटल ट्रांजेक्शन को अपनाया है। इस सुविधा का गलत फायदा अपराधी भी उठाने लगे है। यूरेशियन समूह के सदस्य देशों ने एक साथ मिलकर इस पर मंथन किया है। इस मीटिंग के बेहतर निष्कर्ष निकलेंगे, जो देश की अर्थव्यवस्था के लिए फायदेमंद होंगे।

जलसंसाधन मंत्री तुलसी सिलावट ने कहा कि  आतंकवाद सभी देशों के लिए खतरा रहते है। आतंकवादी घटना कही भी हो, लेकिन उसके लिए फंडिंग सीमा पार देशों से होती है। इस पर अंकुश लगाने के लिए एकीकृत प्रयास होना चाहिए।

नए नियम और प्रावधान के जरिए इस तरह की गतिविधियों पर नजर रखी जा सकती है। इसके लिए तकनीक भी मददगार साबित हो सकती है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के प्रधानंमत्री कहा करते थे कि हम एक रुपया जनता के लिए भेजते है तो उसके पास 25 पैसे ही पहुंचते है, लेकिन डिटिजल युग में मोदी सरकार ने केंद्र की राशि सीधे जरुरतमंद व पात्र लोगों के खाते में डालने का सिस्टम बनाया है। मीटिंग में अन्य विशेषज्ञों ने भी अपनी बात रखी। सभी अतिथियों के साथ राज्यपाल ने एक ग्रुप फोटो भी खिंचवाया।

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