दमोह के मलैया रेल फाटक पर बनने वाले रेलवे ओवर ब्रिज का काम बंद हो गया है। 15 दिन पहले ही अग्रवाल स्कूल के सामने से ब्रिज का निर्माण कार्य शुरू हुआ था। इसमें करीब 200 मीटर की दूरी पर पिलर बनाने के लिए 11 गड्ढे खोदे जा चुके हैं। काम बंद होने से 70 मजदूर और सुपरवाइजर की टीम भी खाली बैठी हुई है। वहीं, गुजरात से पिलर खुदाई के लिए बुलाई गई मशीन भी शोपीस बनकर खड़ी है।

बता दें कि यह काम इसलिए बंद हुआ है, क्योंकि एक कॉलोनाइजर द्वारा डिजाइन को लेकर आपत्ति लगाई गई है, जिससे इसका काम बंद हो गया है। जबकि सेतु विभाग के अधिकारियों का कहना कि शासन द्वारा जो डिजाइन मंजूर की गई है, उसी के अनुसार काम हो रहा है। गौरतलब है कि इस ओवर ब्रिज की लंबाई 1,100 मीटर एवं चौड़ाई साढ़े सात मीटर रखी गई है, जिसका काम 15 दिन पहले ही चालू कराया गया था। इसमें शहर के अग्रवाल स्कूल से तीन गुल्ली जाने वाले मार्ग पर पिलर की खुदाई शुरू की गई। ओवर ब्रिज बनाने वाली गुजरात की कंपनी द्वारा यहां पर डिवाइडर के दोनों ओर के हिस्से की सड़क पर बैरिकेड्स लगा दिए गए हैं। ताकि यहां से निकलने वाले लोगों को परेशानी न हो।

यह ओवरब्रिज प्लस आकार में बनना है। जो पीजी कॉलेज के मुख्य गेट से शुरू होकर तीन गुल्ली चौराहा एवं रेलवे लाइन के ऊपर से होते हुए मुश्की बाबा के पास तक बनेगा। वहीं, तीन गुल्ली से स्टेशन चौराहा जाने वाले मार्ग पर इसका दूसरा हिस्सा बनेगा। ताकि इस ओवर ब्रिज से किल्लाई नाका एवं स्टेशन चौराहा की ओर से आने-जाने वाले वाहन निकल सके। इधर, पिछले पांच दिन से काम बंद होने के बाद सड़क पर पानी नहीं डाला जा रहा है, जिससे इसके दोनों ओर रहने वाले लोग धूल से काफी परेशान हैं। बारिश भी नहीं हो रही, इसलिए धूल लोगों के घरों में जा रही है। लोगों का कहना है कि यहां पर शीघ्र ही ओवर ब्रिज बनाया जाना आवश्यक है। उन्हें धूल के साथ ही सामने से निर्माण होने के चलते भी परेशानी हो रही है।

मलैया मील फाटक से मागंज वार्ड नंबर चार एवं पांच के अलावा पथरिया ब्लॉक मुख्यालय एवं आसपास के 100 से अधिक गांव के हजारों लोग यहां से आवागमन करते हैं। वर्तमान में इस फाटक से तीसरी लाइन जोड़ने के लिए एनआई वर्क चल रहा है। यह काम चालू होते ही एक या दो महीने में तीसरी लाइन चालू हो जाएगी। यहां से 100 से अधिक ट्रेनें निकलेंगी, जिससे यह फाटक महज कुछ मिनट ही खुल जाएगा और बंद हो जाएगा। ऐसे में आमजनों के अलावा स्कूल, कॉलेज के बच्चों को यहां से निकलना मुश्किल हो जाएगा।

आपत्ति लगाने वाले कॉलोनाइजर नरेंद्र वाधवा का कहना है कि पहले इस ओवर ब्रिज की चौड़ाई 12 मीटर रखी गई थी। वर्तमान में बांदकपुर, आनू फाटक पर जो ओवर ब्रिज बन रहे हैं, उसकी चौड़ाई भी 12 मीटर रखी गई है। लेकिन यहां पर कुछ विशेष लोगों को फायदा पहुंचाने के लिए इसकी चौड़ाई घटाकर साढ़े सात मीटर रखी गई है। इतना ही नहीं इसके दोनों ओर फुटपाथ भी नहीं बनाए गए हैं। ऐसे में यहां पर हादसों का खतरा बना रहेगा। इतनी कम चौड़ाई होने से यहां से यहां से बड़े वाहन भी नहीं निकल पाएंगे। इसीलिए इसकी चौड़ाई 12 मीटर करने के लिए आपत्ति लगाई है।

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