उत्तर प्रदेश सरकार ने लखनऊ और उसके आसपास के पांच जिलों को शामिल करते हुए स्टेट कैपिटल रीजन (SCR) की शुरुआत की है। प्रदेश की योगी सरकार एनसीआर की तर्ज पर एससीआर को विकसित करेगी। सरकार की तरफ से एससीआर के लिए अधिसूचना भी जारी हो गई है। योगी सरकार की इस पहल का उद्देश्य राजधानी और उसके आसपास के इलाकों में विकास रफ्तार मिलेगी। उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने शुक्रवार को आधिकारिक तौर पर यूपी-एससीआरडीए की स्थापना को मंजूरी दे दी। इसमें लखनऊ, हरदोई, सीतापुर, उन्नाव, रायबरेली और बाराबंकी को शामिल किया गया है।

योगी सरकार की इस योजना के तहत 27,826 वर्ग मीटर क्षेत्रफल का अधिग्रहण किया जाएगा। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ एससीआर का नेतृत्व करेंगे, जबकि राज्य के मुख्य सचिव उपाध्यक्ष के रूप में कार्य करेंगे। प्राधिकरण में आवास, शहरी विकास, वित्त, पर्यावरण और पर्यटन जैसे विभिन्न विभागों के तीन दर्जन से अधिक सदस्य शामिल होंगे।

सीएम योगी का प्राथमिक लक्ष्य क्षेत्र में बुनियादी ढांचे को बढ़ाना और आर्थिक विकास को बढ़ावा देना है। एससीआर का गठन दिल्ली में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) की तरह ही है। एनसीआर का निर्माण दिल्ली में भीड़भाड़ और नागरिक सुविधाओं की कमी से निपटने के लिए किया गया था, क्योंकि आस-पास के राज्यों से प्रवासियों की आमद होती है।

इसी तरह, एससीआर का उद्देश्य उत्तर प्रदेश के राजधानी क्षेत्र में इसी तरह की समस्याओं का समाधान करना है। आंध्र प्रदेश और असम जैसे अन्य राज्यों ने भी अपने क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे को बढ़ावा देने के लिए राजधानी क्षेत्र विकास प्राधिकरण स्थापित किए हैं। इन पहलों को संतुलित क्षेत्रीय विकास को बढ़ावा देने और शहरीकरण को प्रभावी ढंग से प्रबंधित करने के लिए डिज़ाइन किया गया है।

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