मध्य प्रदेश विधानसभा में सीएम डॉ. मोहन यादव सरकार ने अपना पहला बजट पेश किया। प्रदेश का वित्त विभाग संभाल रहे डिप्टी सीएम जगदीश देवड़ा सदन में ये बजट प्रस्तुत किया। बजट के बीच विपक्ष ने नर्सिंग घोटाले को लेकर खूब हंगामा किया।
कमलनाथ ने बजट को बताया विश्वासघात वाला बजट
मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम कमलनाथ ने मध्य प्रदेश में आए बजट को लेकर कहा है कि मध्य प्रदेश सरकार का आज का बजट जनता से विश्वासघात वाला बजट है। चुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी ने मध्य प्रदेश की जनता और मतदाताओं से जो प्रमुख वादे किए थे, वह सारे वादे वित्त मंत्री के बजट भाषण से ग़ायब दिखाई दिए। प्रदेश के किसानों, नारी शक्ति, नौजवानों और सभी वर्गों से किए गए चुनावी वादों को बजट में कोई स्थान नहीं दिया गया।
विधानसभा चुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी ने मध्य प्रदेश की जनता से जो चार प्रमुख वादे किए थे, वह इस प्रकार हैं।
- -किसानों को धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य 3100 रुपया प्रति क्विंटल
- -किसानों को गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य 2700 रुपया प्रति क्विंटल
- -लाड़ली बहन योजना में महिलाओं को प्रति महीने 3 हज़ार रुपया
- -घरेलू गैस सिलेंडर 450 रुपये में।
भारतीय जनता पार्टी ने अपनी इन चारों घोषणाओं को बजट में कोई स्थान नहीं दिया और स्पष्ट कर दिया है कि यह सरकार जनविरोधी है, जनता से विश्वासघात करने वाली है और वादा-खिलाफी इसका स्वभाव है। इस बजट से मध्य प्रदेश की जनता को भारी निराशा हुई है।
हवाई सुविधा बनेगी और सुगम
इस बजट में रामपथ और कृष्ण पथ का विकास होगा। बजट में संस्कृति विभाग के लिये 1 हजार 81 करोड़ रुपये का बजट प्रस्तावित किया गया है, जो वर्ष 2023-24 के व्यय से ढाई गुना ज्यादा है। वहीं प्रदेश में 11 करोड़ पर्यटकों का आगमन हुआ, जोकि एक कीर्तिमान है। साथ ही प्रसिद्ध पर्यटन स्थशलों तक हवाई सुविधा को और अधिक सुलभ बनाने हेतु पीएम श्री हेली एवं वायु पर्यटन सेवा प्रारंभ की गई है।
प्रदेश के इतिहास का सबसे बड़ा बजट
मध्य प्रदेश के इतिहास का सबसे बड़ा बजट प्रावधान है। इस बजट में 3.65 लाख करोड़ रुपये मोहन सरकार खर्च करेगी।
खुला करोड़ों का पिटारा
मोहन सरकार ने शिक्षा के लिए 22 हजार 600 करोड़ रुपए, स्वास्थ्य के लिए 21 हजार 144 करोड़ रुपए, खेल के लिए 586 करोड़ रुपए, तीर्थ दर्शन योजना के लिए 50 करोड़ रुपए, वन और पर्यावरण 4 हजार 725 करोड़ रुपए, दुग्ध उत्पादक योजना के लिए 150 करोड़ रुपए, गोशाला के लिए 250 करोड़ रुपए, संस्कृति विभाग के लिए 1081 करोड़ रुपए, उद्योग विभाग के लिए 4 हजार करोड़ से ज्यादा की राशि का प्रावधान किया है।
6 शहरों में चलेगी इलेक्ट्रिक बसें
मोहन सरकार ने स्वच्छ भारत मिशन के लिए 500 करोड़ के बजट का प्रावधान किया है। वहीं सिंचाई योजनाओं के लिए 300 करोड़ के बजट का प्रावधान किया है। साथ ही पीएम ई बस योजना के तहत 6 शहरों में इलेक्ट्रिक बसें चलेगी। जिनमें भोपाल इंदौर ग्वालियर जबलपुर उज्जैन, सागर शामिल है।
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