ग्रीष्मकाल शुरू होते ही क्षेत्र में पानी की किल्लते होने लगी हैं, जिससे निपटने के लिए लोग बोरवेल खनन की मदद लेना शुरू कर दिए है। हालांकि, कटनी जिला प्रशासन ने इन तमाम कार्यों के लिए नियमावली रखी हुई है, जिसका पालन न करने पर तीन से ज्यादा मशीन जब्त तो कइयों पर एफआईआर दर्ज कराई गई।

बता दें कि इससे नाराज बोरवेल के संगठन ने कलेक्टर अवि प्रसाद से पांच सूत्रीय मांगों को लेकर ज्ञापन सौंपा है और उनसे मांग रखी है कि कटनी जिले में आने वाली पठारी इलाकों में शामिल रीठी, बहोरीबंद में अनुमति के बाद खनन के नियम रखा जाए। वहीं, कटनी, बड़वारा और स्लिमानाबाद को नियमों की पाबंदी से बाहर किया जाए, ताकि हमारे कार्यों से जुड़े करीब 1500 से अधिक लोगों का गुजर बसर हो सके।

संगठन प्रभारी सुरेंद्र जायसवाल ने बताया कि जिले में 29 से ज्यादा बोरवेल मशीन हैं, जिसमें काम करने वाले सैकड़ों लोग हैं। उनका परिवार का जीवन-यापन इसी से होता है और गर्मी के वक्त में जब पानी का स्तर नीचे चला जाता, तब किसान और सभी जरूरतमंदों को बोरिंग करते हुए पानी उपलब्ध करवाते हैं। लेकिन जिला प्रशासन के रोक लगाए जाने के चलते हमारी मशीनें खड़ी हो गई और सब बेरोजगार हो गए हैं। इसलिए आज ज्ञापन सौंपते हुए पांच सूत्रीय मांग रखी है, जिस पर जिला प्रशासन जल्द से जल्द सुनवाई करते हुए निराकरण करवाए। 


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