नई दिल्ली। मानसून सत्र के दौरान लोकसभा में शुक्रवार को गृहमंत्री अमित शाह ने सीआरपीसी अमेंडमेंट बिल पेश किया उन्होंने कहा कि इस बलि के जरिये अंग्रेजों के वक्त बनाए गए इन पुराने कानूनों में व्यापक बदलाव होगा। अमित शाह ने कहा कि चार साल तक इन पर गहन विचार-विमर्श हुआ और अंग्रेजों के जमाने के कानून अब नहीं चलेंगे। उन्होंने कहा कि गुलामी की निशानी से भरे हुए कानूनों को हम हटा रहे हैं और दंड देने वाले नहीं, बल्कि न्याय दिलाने वाले कानून हम ला रहे हैं। ये नए कानून संसद की गृह मामलों की स्टैंडगिं कमेटी को भेजा जाएगा।
उन्होंने कहा
कि आईपीसी 1860, सीआरपीसी 1898, इंडियन एविडेंस एक्ट 1872 ये तीनों अंग्रेजों द्वारा
लाए गए कानूनों को हटाकर अब भारतीय न्याय संहिता 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता
2023 और 1872 की जगह भारतीय साक्ष्य अधिनियम 2023 कानून लाए गए हैं। शाह ने कहा कि
सबको न्याय देना उद्देश्य है। मैं सदन को आश्वस्त करता हूं इससे लोगों को न्याय मिलने
में आसानी होगा। इसको स्टैंडिंग कमेटी में भेजा जा रहा और आम आदमी इस नए कानून के मध्य
में होगा।
उन्होंने कहा है कि 2019 से ही मोदी जी ने कहा था कि अंग्रेजों द्वारा बनाए गए कानून को आज के हिसाब से बनाया जाएगा। इसके लिए व्यापक कंसल्टेशन किया गया है। सभी हाईकोर्ट, यूनिवर्सिटी, सुप्रीम कोर्ट, आईएएस, आईपीएस, राज्यपाल, मुख्यमंत्री, सासंद, विधायक, लॉ यूनिवर्सिटी आदि को पत्र लिखकर कंसल्टेशन लिया गया है।
= इस बलि के सबसे पहले चैप्टर में महिलाओं और बच्चों के साथ अपराध को रखा गया है। दूसरा चैप्टर मानव वध और मानव शरीर के खिलाफ अपराध को लेकर है।
= इतना ही नहीं यौन उत्पीड़न की पीड़िता के बयान की वीडियो रिकॉर्डिंग करानी अनिवार्य होगी। 90 दिन में उसकी स्टेटस रिपोर्ट भेजनी होगी। इतना ही नहीं 7 साल से अधिक सजा के प्रावधान वाले केसों में पीड़िता को सुने बिना उस केस को खत्म नहीं किया जा सकेगा।
= अब जीरो एफआईआर को मजबूत किया जाएगा और कोई भी शख्स कहीं से भी जीरो एफआईआर करा सकता है। अपराध की रिपोर्ट को 15 दिन में संबंधित थाने को भेजना होगा। इस बिल के मुताबकि, 90 दिन में आरोप की चार्जशीट फाइल करनी होगी। सिविल सर्वेंट के खिलाफ पुलिस को चार्जशीट के लिए अनुमति लेनी होगी।
= किसी को अगर पुलसि हिरासत में लेती है तो उस शख्स के परिवारवालों को ऑनलाइन और कागजी रूप में सूचना देना अनिवार्य होगा।
= दाऊद इब्राहिम जैसे भगोड़े अपराधी की अनुपस्थिति में ट्रायल होगा और सजा भी दी जाएगी।
= मौत की सजा वाले अपराधयिों को आजीवन में बदलाव हो सकता है, लेकिन ऐसे अपराधयिों को किसी भी तरह छोड़ा नहीं जाएगा।
= राजद्रोह को कमप्लीट खत्म किया जा रहा। पहली बार टेररिज्म की व्याख्या और संपति को जब्त किया जाएगा। कोर्ट ऑर्डर करेगा पुलिस नहीं करेगी।
= बलात्कार पर 20 साल की कैद का प्रावधान और 18 साल की कम उम्र की बच्ची से बलात्कार पर मृत्युदंड की सजा का प्रावधान है।
= अब सर्च और जब्ती के दौरान वीडियो रिकॉर्ड अनिवार्य होगी। इन नए कानून का लक्ष्य दोषी सिद्धी को 90 प्रतिशत से ऊपर तक ले जाना है। जनि अपराधों में 7 साल या उससे ज्यादा की सजा उन सभी अपराधों के क्राइम साइट पर फॉरेंसिक टीम का जाना अनिवार्य होगा।
= थानों में टूटी फूटी गाड़ियों का ढेर खत्म होगा। उसको वीडियोग्राफी करके इनको डिस्पोज ऑफ किया जाएगा। सबको ज्यादा से ज्यादा 3 साल में सजा करवाने का प्रावधान होगा।
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