इंदौर। रक्षाबंधन पर्व मनाने के समय को लेकर चल रहे कंफ्यूजन को मप्र ज्योतिष एवं विद्वत परिषद ने निर्णय लिया है। परिषद का कहना है कि रक्षाबंधन का त्योहार 30 अगस्त को है। इस बार भद्राकाल पूरे दिन रहेगा। हालांकि रक्षाबंधन पर्व बुधवार 30 अगस्त, श्रावण शुक्लपक्ष पूर्णिमा को ही मनाया जाएगा।
30 अगस्त को
पूर्णिमा सुबह 10:59 से भद्रा काल में ही प्रारंभ हो जाएगी, जो रात 8:58 बजे तक रहेगी।
सुबह 10:59 के बाद परंपरागत, देव पूजन, श्रावणी उपाकर्म एवं पितृदेव का पूजन भद्रा
काल में कर सकते हैं। लेकिन भद्राकाल खत्म होने के बाद रात 9.02 बजे से राखी बांधने
का शुभ समय है। बहनों द्वारा भाइयों को राखी शुभ मुहूर्त में ही बांधनी चाहिए। भद्रा
काल में राखी नहीं बांधनी चाहिए।
खजराना गणेश
को बंधेगी सबसे बड़ी राखी
खजराना गणेश
को विश्व की सबसे बड़ी राखी 31 अगस्त को सुबह ब्रह्म मुहूर्त में बांधी जाएगी। इस वर्ष
राखी में भारत की उपलब्धियों को दर्शाया जाएगा, जिसमें दुनिया के साथ ही भारत का मानचित्र,
चंद्रयान-3, नया संसद भवन, वंदे भारत एवं ईस्ट, वेस्ट, साउथ और नार्थ में स्थित देशों
को दर्शाया जाएगा।
पुंडरीक पालरेचा
एवं शांतु पालरेचा ने बताया राखी पूर्ण रूप से हैंडवर्क से बनाई गई है। इसमें सलमा,
सितारा, नग-नगीने व जरदौसी के साथ ही आर्टिफिशियल फ्लॉवर भी लगाए गए हैं। इसे तैयार
करने में तीन माह का समय लगा और 30 से 40 लोगों ने मिलकर इसे तैयार किया है। साथ ही
भगवान गणेश की पोशाकों को भी नग-नगीनों से तैयार किया गया है।
खजराना गणेश के साथ ही शहर के
10 अति प्राचीन मंदिरों के लिए भी 24 से 36 इंच की राखी बनाई गई है। 31 अगस्त को एक
साथ-एक समय पर सभी मंदिरों में राखी बांधी जाएगी। इसमें पंचकुइया स्थित वीर आलीजा हनुमान
मंदिर, बड़ा गणपति मंदिर, मल्हारगंज स्थित छोटे गणपति मंदिर, सुभाष चौक स्थित मणिभद्र
के साथ ही उज्जैन में बाबा महाकाल व चितांमण गणेश को भी यह राखी बांधी जाएगी।
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