उज्जैन। सावन का महीना भगवान भोलेनाथ की भक्ति के लिए सबसे सर्वश्रेष्ठ माना जाता है। भोलेनाथ के भक्त जलाभिषेक, दुग्धाभिषेक और व्रत कर भगवान को प्रसन्न करने का प्रयास करते हैं। वैसे तो हर तीन वर्ष में एक बार पुरुषोत्तम यानी की अधिकमास आता है, लेकिन इस बार सावन मास में 19 वर्षों बाद एक ऐसा महासंयोग आ रहा है, जब यह अधिकमास सावन मास में आएगा और इस बार श्रद्धालु कुल 59 दिन तक भगवान भोलेनाथ की भक्ति कर पाएंगे। हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी लाखों श्रद्धालु धार्मिक नगरी उज्जैन में विराजमान द्वादश ज्योर्तिलिंगो में से एक विश्व प्रसिद्ध बाबा महाकाल के दर्शन, पूजन और उनका आशीर्वाद लेने पहुंचेंगे। वैसे तो मंदिर में होने वाले हर उत्सव की छटा निराली ही होती है, लेकिन श्रावण भादो मास में बाबा महाकाल जिन्हें उज्जैन की जनता राजा मानती है। वह अपनी प्रजा का हाल जानने के लिए 10 बार नगर भ्रमण पर निकलेंगे। इस वर्ष श्रावण मास 4 जुलाई से शुरू होगा, जो 30 अगस्त तक रहेगा। इस दौरान पूरे दो मास अधिकमास रहेगा। दो श्रावण मास होने से श्रावण सोमवार की संख्या 4 से बढ़कर 8 हो गई है। इसके बाद भादौ के प्रथम 2 सोमवार को भी भगवान महाकाल की सवारी निकाली जाएगी। इस तरह इस बार भगवान महाकाल की कुल 10 सवारियां निकलेंगी।

1985 में 10 तो वर्ष 2004 में निकाली गई थी 11 सवारियां

शहर के प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य पंडित आनंदशंकर व्यास ने बताया कि 19 वर्षों बाद ऐसा महासंयोग आया है, जब श्रावण मास में अधिक मास आ रहा है। जिसके कारण दो श्रावण होने की स्थिति बनी है। उन्होंने बताया कि 1985 में भी श्रावण में अधिकमास आने पर महाकालेश्वर मंदिर से 10 सवारियां निकाली गई थीं। जबकि 2004 में भी ऐसा ही संयोग बनने पर कुल 11 सवारियां निकाली जा चुकी हैं। पूर्व की तरह ही इस वर्ष भी परंपराओं का निर्वहन करते हुए राजाधिराज बाबा महाकाल की 10 सवारियां निकाली जाएंगी।

इस दिन निकलेगी बाबा महाकाल की सवारी

पहली सवारी - 10 जुलाई 2023

दूसरी सवारी - 17 जुलाई 2023

तीसरी सवारी - 24 जुलाई 2023

चौथी सवारी - 31 जुलाई 2023

पांचवी सवारी - 7 अगस्त 2023

छठी सवारी - 14 अगस्त 2023

सातवीं सवारी - 21 अगस्त 2023

आठवीं सवारी - 28 अगस्त 2023

नौवीं सवारी - 4 सितंबर 2023

अंतिम शाही सवारी - 11 सितंबर 2023

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