भिंड। भिंड जिले में कोरोना वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट फर्जीवाड़ा उजागर हुआ है। देश भर में लगभग सभी लोगों के टीकाकरण के 4 महीने बाद भिंड जिले के मेहगांव ब्लॉक के एक छोटे से उप स्वास्थ्य केंद्र से 2800 लोगों को कोरोना टीकाकरण का सर्टिफिकेट जारी किया गया है। न कोई कैंप लगाया गया और ना ही कोई वैक्सीनेशन हुआ, लेकिन COWIN ऐप के जरिए इस हेल्थ सेंटर के नाम पर सर्टिफिकेट जारी कर दिए गए। सबसे हैरान कर देने वाली बात ये है कि जिन 2800 लोगों को सर्टिफिकेट जारी किया गया उनमें से एक भी व्यक्ति मध्य प्रदेश का रहने वाला नहीं है।
सूबे में कोरोना
वैक्सीनेशन के व्यापक अभियान और लगभग सभी के टीकाकरण के 4 महीने बाद फर्जीवाड़ा उजागर
होने से स्वस्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया है। मामले में हाई लेवल जांच के आदेश दिए
गए हैं।
मामले पर टिप्पणी
करते हुए भिंड के CMHO ने कहा कि हाई लेवल की जाँच की जाएगी। लेकिन यह भी संभव है कि
CoWin पोर्टल को हैक करके फर्जी प्रमाणपत्र जारी किए गए हों। उन्होंने कहा “स्वास्थ्य
विभाग द्वारा जांच के आदेश दिए गए हैं। साइबर सेल 2800 लाभार्थियों का पता लगाने की
कोशिश कर रहा है, लेकिन अधिकांश मोबाइल नंबर या तो बंद हैं या कॉल रिसीवर अपने ठिकाने
के बारे में कोई विवरण साझा नहीं कर रहे हैं।"
दरअसल घोटाला
तब उजागर हुआ जब एक लाभार्थी ने 30 मई को अपना कोविड 19 टीकाकरण प्रमाण पत्र मांगा।
जब स्वास्थ्य अधिकारियों ने CoWin पोर्टल की जांच की तो पता चला कि उप स्वास्थ्य केंद्र
में टीकाकरण पूरा होने के लगभग 4 महीने बाद मई महीने में 2800 प्रमाण पत्र जारी किए
गए हैं। जब इन सर्टिफिकेट्स को देखा गया तो इनमें से कोई व्यक्ति मध्य प्रदेश का था
ही नहीं। गुजरात, राजस्थान और कई अन्य राज्यों के लोगों को ये सर्टिफिकेट जारी किए
गए हैं।
भिंड के जिलाधिकारी
ने मामले को संज्ञान में लेते हुए कहा कि भले ही स्वास्थ्य अधिकारियों ने 30 मई को
लॉगिन पासवर्ड बदल दिया, लेकिन पोर्टल से प्रमाण पत्र 31 मई को जारी किए गए हैं। स्वास्थ्य
अधिकारी ने और गहन जांच की है तो पाया गया कि जिले में फरवरी तक टीकों का स्टॉक समाप्त
हो गया था। तब से कोई टीकाकरण नहीं हो रहा है। स्वास्थ्य कर्मियों और प्रखंड चिकित्सा
अधिकारियों से पूछताछ की गई तो उन्होंने बताया कि उन्हें टीकाकरण और प्रमाण पत्र जारी
करने की कोई जानकारी नहीं है। अब मामला साइबर सेल को सौंप दिया गया है।
नाम न बताने की शर्त पर एक स्वास्थ्य
अधिकारी ने कहा, ''जब हमने लाभार्थियों से संपर्क किया तो छत्तीसगढ़ और गुजरात के लोगों
ने स्वीकार किया कि उन्हें टीकाकरण के बाद भिंड से प्रमाण पत्र मिला है। लेकिन पूछा
कि भिंड कब आए तो उन्होंने फोन काट दिया।"
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