इंदौर। प्रवासी सम्मेलन के लिए केंद्र सरकार ने जो 15 करोड़ की प्रदर्शनी लगाई थी, एक महीने बाद भी इसे लेकर फैसला नहीं हो पाया है कि वह भोपाल में जाएगी या इंदौर रहेगी। फिलहाल प्रदर्शनी का कीमती सामान इंदौर के ही एक गोडाउन में रखा गया है। वैसे तय हुआ था कि इंदौर में ही प्रदर्शनी रखी जाएगी, लेकिन अभी तक उसके लिए भी जनप्रतिनिधि कोई रुचि नहीं दिखा रहे है।

8 जनवरी को इंदौर में तीन दिवसीय प्रवासी सम्मेलन हुआ था। उसमें डिजिटल प्रदर्शनी भी आकर्षण का केंद्र थी। देश की आजादी के लिए विदेश की धरती से काम करने वाले प्रवासी भारतीयों के योगदान की थीम पर प्रदर्शनी तैयार की गई थी। इसमें 30 से ज्यादा विशेष रुप से तैयार किए गए एलईडी टीवी,प्रोजेक्टर, आदि शामिल है। इसके अलावा ऑडियो सिस्टम, कम्प्यूटर का इस्तेमाल इस डिटिजल प्रदर्शनी में किया गया था। जिनकी कीमत ही 15 करोड़ रुपये है। इंदौर में प्रदर्शनी की सुविधा को लेकर सांसद शंकर लालवानी का कहना है कि डिजिटल प्रदर्शनी को लेकर जल्दी ही फैसला लिया जाएगा। प्रदर्शनी को इंदौर में रखे जाने के बारे में हम पहले ही चिट्ठी लिख चुके है।

30 करोड़ रुपये खर्च कर स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत राजवाड़ा और गांधी हॉल को संवारा गया है। यहां काफी जगह है। ओंकारेश्वर और उज्जैन जाने वाले पर्यटक इंदौर भी रुकते है और इंदौर के टूरिस्ट स्पॉट को भी देखते है। डिजिटल प्रदर्शनी यदि गांधी हॉल या राजवाड़ा में लगाई गई तो पर्यटकों के लिए प्रदर्शनी आकर्षण का केंद्र बन सकती है।

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