भोपाल। देश के वन्य-जीव संरक्षण के इतिहास में शनिवार को एक और नया अध्याय जुड़ने जा रहा है। श्योपुर के कूनो राष्ट्रीय उद्यान में दक्षिण अफ्रीका से 12 चीते आ रहे हैं। केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव ने कहा कि सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। स्वागत के लिए तैयार हो जाइए। दक्षिण अफ्रीका से शुक्रवार को रवाना हुए 12 चीते शनिवार को भारत पहुंचेंगे। इन चीतों में सात नर और पांच मादा शामिल हैं।
भूपेंद्र यादव
ने ट्वीट किया, हमारे पारिस्थितिक संतुलन को बहाल करने के लिए पीएम नरेंद्र मोदी के
दूरदर्शी नेतृत्व में दक्षिण अफ्रीका से आने वाले 12 चीतों ने भारत की यात्रा शुरू
कर दी है। भारतीय वायुसेना का सी-17 ग्लोबमास्टर विमान शनिवार को उन्हें स्वदेश पहुंचाएगा।
चीतों को मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में स्थानांतरित किया जाएगा। इससे पूर्व
नामीबिया से लाए गए आठ चीतों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 17 सितंबर, 2022 को अपने
जन्मदिन के अवसर पर कूनो नेशनल पार्क में छोड़ा था।
मुख्यमंत्री
शिवराज सिंह चौहान दक्षिण अफ्रीका से लाये जा रहे 12 चीतों को कूनो नेशनल पार्क में
छोड़ेंगे। वन विभाग के अधिकारी के अनुसार सुबह 10 से 11 के बीच चीते एयरफोर्स के प्लेन
से ग्वालियर एयरपोर्ट आएंगे। इसके बाद हेलीकॉप्टर से 11:30 बजे तक कूनो नेशनल पार्क
पहुचेंगे, जिसके बाद सीएम चीतों को बाड़े में छोड़ेंगे। कूनों में नए मेहमानों के लिए
पूरी तैयारी कर ली गई हैं।
10 क्वारंटीन
बोमा बनाएं
कूनो में चीतों
की देखभाल के लिये व्यापक इंतजाम किये गये हैं। 12 चीतों को रखने के लिये 10 क्वारंटीन
बोमा (बाड़े) तैयार किये गये हैं। इनमें आठ नये और दो पुराने क्वारंटीन बोमा को परिवर्तित
किया गया है। सभी क्वारंटीन बोमा में छाया के लिये शेड बनाये गये हैं। चीतों के लिये
पानी की व्यवस्था की गई है। हेलीकाप्टर से 12 चीतों को उतारने के बाद उन्हें क्वारंटीन
बोमा में लाया जायेगा। हेलीपेड से क्वारंटीन बोमा की दूरी लगभग एक किमी है।
1235 वर्ग किमी
क्षेत्र
कूनो करीब 350 वर्ग किलोमीटर
के अभयारण्य के रूप में शुरू हुआ था और एक पत्ती के आकार का था, जिसके बीचों-बीच में
एक रीढ़ की हड्डी की तरह कूनो नदी बहती है। इस संरक्षित क्षेत्र का नाम भी पड़ा है। राज्य
सरकार ने वर्ष 1981 में लगभग 3300 वर्ग किमी के बड़े वन क्षेत्र के अंतर्गत लगभग
345 वर्ग किमी के कूनो वन्य-जीव अभयारण्य की स्थापना की। वन्य-जीव संरक्षण को और मजबूत
करने और इस क्षेत्र के उचित प्रबंधन को सुनिश्चित करने के लिए अतिरिक्त 891 वर्ग किमी
क्षेत्र को बफर के रूप में जोड़ कर वर्ष
2002 में 1235 वर्ग किमी के कूनो वन्य-जीव
प्रभाग की स्थापना की गयी।
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