खंडवा। एक साल पहले मध्यप्रदेश सरकार ने अमरकंटक के पहाड़ों पर कंस्ट्रक्शन रुकवाकर कहा था कि इस कंस्ट्रक्शन से प्रकृति को नुकसान हो सकता है। नर्मदा और उसके आसपास के पहाड़ों पर अब कोई निर्माण नहीं होगा। वही सरकार अब ओंकारेश्वर के पहाड़ कटवा कर उस पर स्टेचू ऑफ़ वननेस प्रोजेक्ट ला रही है। क्या सरकार के लिए ओंकारेश्वर और अमरकंटक के पहाड़ पर प्रकृति संरक्षण के नियम अलग अलग हैं। यह सवाल प्रकृति प्रेमियों और समाजसेवियों ने स्टेचू ऑफ़ वननेस की जांच के लिए ओंकारेश्वर पर आए दल के सामने किए।

मध्यप्रदेश सरकार द्वारा शुरू किए गए स्टेचू ऑफ़ वननेस प्रोजेक्ट की जांच के लिए बुधवार को एक दल ओंकारेश्वर पर पहुंचा। दल में एनजीटी, पॉल्युशन बोर्ड, फॉरेस्ट डिपार्टमेंट, कल्चर डिपार्टमेंट और खंडवा कलेक्टर को शामिल किया गया है।

प्रोजेक्ट के विरोध में इन्होंने रखे विचार

भारत रक्षा अभियान के अभय जैन, डॉक्टर सुभाष बारोट, पद्मश्री जनक पलटा, सामाजिक कार्यकर्ता किशोर कोडवानी समेत इंदौर शहर के कई अन्य समाजसेवियों और नागरिकों ने अपनी बात रखी।

बुधवार को हुई जांच के दौरान पर्यावरण प्रेमी और समाजसेवियों ने अपने विचार रखे। वहीं, खंडवा कलेक्टर और अन्य अधिकारियों ने अपनी बातें रखी। इन सभी बातों के आधार पर अब एनजीटी का जांच दल कोर्ट में दस्तावेज पेश करेगा।

Post a Comment

Previous Post Next Post