सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को मध्य प्रदेश में जिला न्यायपालिका परीक्षा में बैठने वाले उम्मीदवारों की उत्तर पुस्तिकाएं सार्वजनिक करने के निर्देश देने वाली याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया। प्रधान न्यायाधीश जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस वी रामासुब्रमण्यन और जस्टिस जेबी पारदीवाला की पीठ ने कहा कि इस तरह का कदम 'बेहद खतरनाक' है और इसका दुरुपयोग होने की संभावना है।
सुप्रीम कोर्ट
ने कहा कि यह बेहद खतरनाक होगा। इन कोचिंग क्लास के साथियों को उत्तर पुस्तिकाएं मिल
जाएंगी। आप जो चाहें समझें, हम उत्तर पुस्तिकाएं नहीं दे सकते। पीठ ने कहा कि हम संविधान
के अनुच्छेद 136 के तहत विशेष अवकाश याचिका पर विचार करने के इच्छुक नहीं हैं। विशेष
अनुमति याचिका तदनुसार खारिज की जाती है।
शीर्ष अदालत
एनजीओ एडवोकेट यूनियन फॉर डेमोक्रेसी एंड सोशल जस्टिस द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई
कर रही थी। याचिका में जिला न्यायपालिका परीक्षा की उत्तर पुस्तिकाओं को अपलोड करने
और न्यायिक अधिकारियों की भर्ती में पारदर्शी प्रक्रिया अपनाने के निर्देश देने की
मांग की गई थी।
याचिका में कहा गया है कि अधीनस्थ
न्यायालयों में सिविल जजों और अतिरिक्त जिला जजों की नियुक्ति के लिए चयन प्रक्रिया
अधिक पारदर्शी और निष्पक्ष होनी चाहिए।
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