इंदौर। इंदौर के मशहूर पर्यटन स्थलों में से एक लालबाग पैलेस का इतिहास अब पर्यटक अपने मोबाइल पर सुन सकेंगे। इसके लिए उन्हें बस एक एप डाउनलोड करना होगा और पैलेस के क्यूआर कोड का स्कैन करना होगा। इसका ट्रायल पूरा हो गया है।
होलकर शासनकाल
में बने लालबाग पैलेस का रखरखाव पुरातत्व विभाग करता है, लेकिन यहां काफी पर्यटक आते
है,इसलिए पर्यटन विभाग भी यहां सुविधाएं बढ़ा रहा है। विभाग ने एक एजेंसी से अनुबंध
किया है। जो मुफ्त में ऑडियो गाइड की सुविधा पर्यटन स्थलों पर दे रहा है।
लालबाग पैलेस
शहर के प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों में से एक है। यहां हर रोज 300 से 500 तक पर्यटक प्रतिदिन
आते है, लेकिन यहां गाइड नहीं है, इस कारण पर्यटन ठीक तरह से लालबाग पैलेस का इतिहास
नहीं जान पाते थे। पर्यटन विभाग ने इसके लिए सागो एप से दो माह पहले अनुबंध किया था।
इसमें क्यूआर कोड आधारित ऑडियो गाइड से पर्यटक इतिहास जान सकेंगे। पर्यटन विभाग के
अपर प्रबंध संचालक विवेक श्रौत्रिय ने खुद इसका ट्रायल लिया। उन्होंने बताया कि बहुत
जल्द इस सुविधा का लाभ पर्यटक उठा सकेंगे। हमने एप तैयार करने वाली एजेंसी को कंटेंट
उपलब्ध कराया है। इसमे पैलेस से जुड़ा इतिहास तथ्यों के साथ शामिल है।
36 लाख में
बनकर तैयार हुआ था
होलकरशासन काल में लालबाग पैलेस
का निर्माण सन 1886 में शुरू हुआ था। लंदन की प्रसिद्ध फर्म मेसर्स वारिंग एंड गिलोज
ने 36 लाख रुपये में बनाया था। 4 एकड़ में बने पैलेस की सुंदरता में उसके आसपास का
बाग भी चार चांद लगाता है। सरकार ने इसके जीर्णोद्धार के लिए पांच करोड़ रुपए स्वीकृत
किए है। परिसर का काम नगर निगम कर रहा है। इस पैलेस में राज परिवार रहता रहा करता था।
पैलेस में श्यन कक्ष, भोजन कक्ष, पार्टी हॉल है। कसारा संगमरमर के स्तंभ काफी सुंदर
है। रोमन शैली के साज सज्जा के साथ पैलेस की छतों पर पेंटिंग व अलग-अलग डिजाइन बनाई
गई है। पैलेस की रसोई नदी के दूसरी तरफ बनी है और पैलेस तक आने के लिए नदी के भीतर
एक सुरंग बनाई गई है, हालांकि अब उसका उपयोग नहीं होता।
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