पटना/वैशाली। बिहार के वैशाली में सड़क किनारे पीपल के पेड़ के नीचे खड़े होकर पूजा कर रहे लोगों पर नशे में धुत एक ड्राइवर ने ट्रक चढ़ा दिया। इसमें 30 लोग जख्मी हो गए। 8 की मौके पर ही मौत हो गई। मरने वालों में 6 बच्चे हैं। लोगों ने बताया कि अगर पेड़ नहीं होता तो 50 से ज्यादा जानें जातीं।

पहले जानते हैं हुआ क्या

हादसा रविवार रात करीब 9 बजे सुल्तानपुर गांव के पास हुआ। पीपल के पेड़ के नीचे 60 से ज्यादा लोग भुंइया बाबा की पूजा करने जुटे थे। इस घटना के चश्मदीद अनुज कुमार राय बताते हैं कि पूजा लगभग पूरी हो चुकी थी। सब अपने-अपने घर लौटने वाले थे कि तभी हाजीपुर से महनार की तरफ जा रहा ट्रक लोगों को कुचलता चला गया और पेड़ से टकरा गया। 

ट्रक की 120 से ज्यादा थी रफ्तार

चश्मदीदों ने बताया कि ट्रक की रफ्तार कम से कम 120 किमी प्रति घंटा रही होगी। हादसे के बाद गैस कटर से ट्रक को काटकर मृतकों को निकाला गया। ज्यादातर बच्चे ट्रक और पेड़ के बीच में फंसे थे। मरने वालों की उम्र 8 से 20 साल के बीच है। 

मृतकों के नाम

1. वर्षा कुमारी (8)

2. सुरुचि (12)

3. अनुष्का (8)

4. शिवानी (8)

5. खुशी (10)

6. चन्दन (20)

7. कोमल (10)

8. सतीश (17)

चश्मदीद- मेरी आंखों के सामने पोती की मौत हो गई

इस घटना के चश्मदीद अनुज कुमार राय बताते हैं कि नेवतन की पूजा लगभग पूरी हो चुकी थी। सब अपने-अपने घर लौटने वाले थे कि तभी हाजीपुर से महनार की तरफ जा रहा अनियंत्रित ट्रक लोगों को कुचलता चला गया। इसके बाद वो पीपल के पेड़ में टकरा गया। अनुज के मुताबिक, अगर ट्रक पेड़ में नहीं टकराता तो कम से कम 50 से ज्यादा लोगों की मौत होती।

हादसे में 8 साल की अनुष्का की भी मौत हो गई। अनुष्का के दादा राजकुमार ने बताया कि बाबा भुइयां की पूजा से पहले नेवतन का कार्यक्रम चल रहा था। सड़क के किनारे ही पीपल के पेड़ के पास गांव के लोग डाली लेकर खड़े थे। इसमें बच्चे, बुजुर्ग, महिला सभी शामिल थीं। 5.30 बजे पूजा शुरू हुई। 9 बजे लगभग ये समाप्त होने वाली थी। तभी ट्रक आया और यहां खड़े लोगों को कुचल दिया। मेरी आंखों के सामने पोती की मौत हो गई।

प्रधानमंत्री मोदी ने भी दुख जताया

प्रधानमंत्री मोदी ने भी घटना पर दुख जताया। मृतकों के परिजनों को 2 लाख रुपए मदद देने का ऐलान किया। घायलों को 50 हजार रुपए दिए जाएंगे। उधर, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भी इस घटना पर शोक जताया। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मृतकों के परिजन को 5-5 लाख रुपए मदद देने का ऐलान किया। साथ ही घायलों के इलाज के निर्देश दिए।

भुंइया बाबा की पूजा और नेवतन क्या है

गांव वालों ने बताया की भुंइया बाबा की पूजा यहां वर्षों से होती आ रही है। भुंइया बाबा की पूजा में धरती की पूजा की जाती है। मान्यता के अनुसार धरती ने ही लोगों को जीवन दिया, धरती ही लोगो का जीवन यापन करती है। धरती से ही उपजे अन्ना फल फूल को खा कर लोग जी रहे हैं। यहां तक कि मरने के बाद भी धरती यानी की मिट्टी में ही लोग समा जाते हैं। कुल मिला कर जीवन से मरण तक आदमी धरती से जुड़ा रहता है। लिहाजन इस गांव के लोग धरती यानी भुइयां बाबा की पूजा करते हैं। ​​​​​

नेवतन मतलब आमंत्रण। भुइयां बाबा की पूजा के एक दिन पहले शाम को धरती को आमंत्रण देने की प्रथा है। इसी प्रथा के अनुसार स्टेट हाईवे के बगल में पीपल के पेड़ के बगल में यह पूजा की जा रही थी। गांव के लोगों के साथ गांव के बच्चे भी इस पूजा को देख रहे थे। बच्चे सड़क किनारे खड़े थे।

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