क्या वास्तव में इंदौर में मिल रही सुविधाएं

जवाबदेही @ इंदौर

शहर में बढ़ते ट्रैफिक और जाम से निजात दिलाने के लिए रिंग रोड और बायपास पर अधिक ध्यान दिया जा रहा है। इसके चलते रिंग रोड तीन फ्लायओवर की सौगात के बाद अब बायपास पर तीन फ्लायओवर और एक ओवरपास का काम शुरू होने वाला है। कहा जा रहा है कि इससे 30 किलोमीटर में 4 बड़े जंक्शन पर वाहनों का दबाव कम होगा। रिंगरोड और बायपास की समस्या से चलो निजात भी मिल जाती है तो भीतरी क्षेत्रों में जाम के हालातों से कैसा निपटा जाएगा? इस दिशा में जितने भी प्रयास किए जा रहे हैं, वो सफल होते दिखाई नहीं देते। 

असल में अब शहर में छोटे-छोटे ओवरब्रिज बनाने की दिशा में कार्य करना चाहिए। इसके अलावा अंडरपास बनाने की दिशा में भी काम करना चाहिए। ओवरब्रिज का डिजाइन ज्यादा ऊंचाईवाला नहीं होना चाहिए, ताकि दो पहिया और चार पहिया वाहनों को निकलने में कोई दिक्कत ना हो। वैसे वर्तमान में जो ब्रिज शहर में है, जैसे शास्त्री ब्रिज, पटेल ब्रिज, राजकुमार ओवरब्रिज, जूनी इंदौर ये सब रेलवे ट्रैक के अनुसार बनाए गए हैं। शहरभर में जाम के हालात बनते रहते हैं, कभी सिग्नल को लेकर परेशानी खड़ी होती है तो कभी दो पहिया वाहन चालक मुसीबत बनते रहते हैं। इन सबसे छुटकारा पाने के लिए सड़कों पर छोटे-छोटे ओवरब्रिज के साथ अंडरपास पर ध्यान देना होगा। इसके लिए कुशल इंजीनियरिंग की आवश्यकता है, क्योंकि इंदौर में कोई योग्य इंजीनियर दिखाई नहीं देता, जो शहर की सड़कों की व्यवस्थित डिजाइन करें, जो पहले से चले आ रहे हैं वो सब हवाई बातें करते हैं और नतीजा कुछ नहीं निकल रहा है।

शहर के भीतरी क्षेत्रों में कई जगह अभी भी गंदगी व्याप्त, नहीं होती सफाई

शहर में यातायात का दबाव कम करने के लिए रिंग रोड की योजना बनाई गई। शहर के बाहर होने से इस पर उस दौरान कोई दबाव नहीं था, लेकिन धीरे-धीरे रिंग रोड के आसपास कई कॉलोनियां बन गई और रिंग रोड पर यातायात बढ़ गया। इसके बाद शुरू हुई बायपास बनाने की कवायद। बायपास बनते-बनते ही इसके आसपास टाउनशिप और कॉलोनियां और बड़े मॉल, गार्डन, बड़े होटलें बन गईं। इस वजह से इस पर भी यातायात का दबाव अत्यधिक हो गया। बायपास बनाने के दौरान अंडरपास पर ध्यान नहीं दिया गया, अगर ये अंडरपास जिस तरह के सिक्स लेन मार्ग होता है, उतने चौड़े यदि बन जाते तो आज बायपास पर जाम के हालात नहीं बनते।

स्मार्ट सिटी क्या है?

स्मार्ट सिटी का मतलब ऐसे शहरों से है जहां पानी और बिजली की अच्छी व्यवस्था होगी। साथ ही साफ-सफाई और कचरा प्रबंधन, शहर में आने जाने के लिए परिवहन का बेहतरीन साधन, तकनीकी कनेक्टिविटी, ई-गवर्नेंस, नागरिकों की सुरक्षा, शासन में नागरिकों की भागीदारी जैसी कई सुविधाएं मौजूद हों।

ये सुविधाएं रहती है स्मार्ट शहर में

1. वर्ल्ड क्लास ट्रांसपोर्ट सिस्टम

2. 24 घंटे बिजली-पानी की आपूर्ति

3. सरकारी कामों के लिए सिंगल विंडो सिस्टम

4. एक जगह से दूसरे जगह तक 45 मिनट में जाने की व्यवस्था

5. स्मार्ट शिक्षा की सुविधा

6. पर्यावरण के अनुकूल माहौल

7. बेहतर सुरक्षा और मनोरंजन सुविधा


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