जवाबदेही @ इंदौर

इंदौर जैसे-जैसे बढ़ता जा रहा है, वैसे-वैसे ट्रैफिक के हालात भी बदतर होते जा रहे हैं। शहर में ऐसा कोई एक्सपर्ट नहीं है, जो शहर की ट्रैफिक व्यवस्था को देखते हुए अच्छी योजनाएं बनाएं। लगभग वो ही एक्सपर्ट अभी तक निगम और ट्रैफिक विभाग को सुझाव दे रहे हैं, जो अपनी खुद की दुकान चलाने में माहिर है। अब ट्रैफिक विभाग और नगर निगम को मिलकर शहर के अंदरुनी ढांचे और बाहरी क्षेत्रों को लेकर गंभीरता बरतना चाहिए। साथ ही नए महापौर से भी यही उम्मीद रहेगी िक वो अफसरों की हां में हां ना मिलाए, क्योंकि शहर से जुड़ा मुद्दा है। जिस तरह शहर में यातायात सुगम के लिए सड़कों को चौड़ा किया गया और इसके लिए बरसों से रह रहे लोगों के घरों को तोड़ा गया। लोगों ने कठोर हृदय से इस निर्णय को माना और विकास में अपने आशियानों को टूटते देखा। लेकिन उन्हें अब तकलीफ हो रही है कि जिस उद्देश्य से उनके घरों को तोड़ा गया, वह सफल नहीं हो पा रहा है। ट्रैफिक तो वैसा ही है, बल्कि उनके घरों के सामने ठेले वालों ने कब्जा करना शुरू कर दिया है। बोलने पर कहते है कि क्या सड़क तुम्हारे बाप की है। शहर के विकास में अब जरूरी है कि आमआदमी और कुछ बुद्धिजीवियों से विचार विर्मश किया जाए..., जो लोग बरसों से राय देते आ रहे हैं, उन्हें दरकिनार कर युवाओं और व्यवसायियों से भी ट्रैफिक को लेकर सुझाव मांगे जाए, जिससे इस समस्या से छुटकारा मिलेगा। वहीं, नगर निगम के पास शहर की सीवरेज लाइन का ब्लू प्रिंट तक नहीं है....कई बार सीवरेज चोक होने की वजह से अच्छी-खासी सड़कों को उखाड़ा जाता है, उसके बाद वह कभी व्यवस्थित नहीं होती। कई जगह आज भी मुख्य मार्गों पर बड़े-बड़े थेगले देखे जा सकते हैं।

कहां-कहां जरूरत है अंडरपास की

पाटनीपुरा चौराहा-अनोप टॉकीज चौराहा

पाटनीपुरा चौराहे का सिरदर्द कभी न खत्म होने वाला है। इस चौराहे पर बरसों से परेशानी है। इस चौराहे पर विजय नगर की तरफ से आना वाला ट्रैफिक और मालवा मिल की तरफ से आने वाला ट्रैफिक का दबाव अधिक है। इस वजह से यहां हर समय जाम के हालात बनते हैं। इस चौराहे की रोटरी हटा दी जाए और अंडरपास बनाया जाए, जिसके नीचे की एक लेन पर नंदानगर से आने वाला ट्रैफिक गुजरे और दूसरी लेन में एलआईजी  से जाने वाला ट्रैफिक गुजरे। वहीं चौराहे पर चारों तरफ के लेफ्ट टर्न और चौड़े किए जाए, ताकि जो लोग मालवा मिल की तरफ से आ रहे हों और उन्हें नंदानगर, परदेशीपुरा जाना हो तो वह पहले ही मुड़ जाए। इसी प्रकार पूरे चौराहे पर व्यवस्था करना होगी, जिससे कभी ट्रैफिक के हालात नहीं बनेंगे। दूसरी तरफ मालवा मिल की तरफ से विजय नगर जाने वाले ऊपरी हिस्से से सीधे निकलेंगे, वहीं, विजय नगर की तरफ से आने वाले वाहन चालक जिन्हें मालवा मिल होकर यदि जेल रोड या रेसकोर्स रोड की तरफ जाना हो तो वह बिना रुकावट के जा सकेंगे।  इसी रोड पर अब ट्रैफिक अनूप टॉकीज चौराहे पर भी हालात खतरनाक होते जा रहे हैं। 

प्रतिदिन यहां दुर्घटनाएं होती है, खासकर रात के समय। यदि यहां पर भी अंडरपास का निर्माण कर दिया जाता है तो काफी सहुलियत होगी। यह मार्ग एमआर-9 कहलाता है, और यह प्रमुख मार्ग है, क्योंकि इस मार्ग पर रिंग रोड और बीआरटीएस से आने वाला ट्रैफिक अधिक रहता है, जो कॉलोनियों से होकर जाता है। वहीं यहां का मामला कोर्ट में भी है और जल्द यहां बाधित मकानों को भी हटा दिया जाएगा। यहां चौड़ी रोड बनाना प्रस्तावित है। इस रोड को बनाने के साथ-साथ इस चौराहे पर अंडरपास को महत्व दिया जाए तो विजय नगर से लेकर राजकुमार ब्रिज तक जाम के हालात ही पैदा नहीं होंगे, क्योंकि अब सब्जी मंडी भी हट चुकी है। 

एलआईजी चौराहा

एलआईजी चौराहे पर भी इसी तरह से अंडरपास बनाया जाए तो ट्रैफिक सरपट दौड़ेगा, क्योंकि जो वाहन पाटनीपुरा चौराहे से एलआईजी चौराहे पर पहुंचते हैं तो रेड सिग्नल पर ठहरना पड़ता है। इससे चौराहे पर ट्रैफिक उलझता ही है। अंडरपास बनने से रिंगरोड की तरफ आने वाले वाहन चालक जिन्हें पाटनीपुरा पहुंचना है, वह अंडरपास से होकर पहुंचेंगे, वहीं पाटनीपुरा से जिन वाहन चालकों को रिंग रोड जाना है वह भी अंडरपास से होकर आसानी से पहुंच जाएंगे। अंडरपास के ऊपरी हिस्से पर कोई बाधा नहीं रहेगी और आईबस के साथ-साथ अन्य ट्रैफिक सुचारू रूप से चलता रहेगा।

रसोमा चौराहा

रसोमा चौराहे पर मालवा मिल चौराहे और पाटनीपुरा चौराहा होते हुए वाहन चालक पहुंचते हैं। इस चौराहे पर पहुंचते पहुंचते वाहन चालकों को पाटनीपुरा, अनोप टॉकिज और इसके आगे तिराहा आता है, वहां अटकना पड़ता है। जैसा कि अनोप टॉकीज चौराहे पर अंडरपास बन जाता है और इसके बाद आने वाले तिराहे पर अंडरपास बन जाता है तो राजकुमार मिल से सीधे वाहन  रसोमा चौराहे पर पहुंचेंगे। रसोमा चौराहे पर भी अंडरपास की आवश्यकता है, क्योंकि यहां से सीधे वाहन चालक रिंग रोड की तरफ चले जाएंगे और बीआरटीएस पर ऊपरी हिस्से में ट्राफिक निर्बाध रूप से चलता रहेगा। 

मालवा मिल चौराहा

मालवा मिल चौराहे पर भी काफी दिक्कत है। इस चौराहे पर भी अंडरपास की महती आवश्यकता है, क्योंकि यहां पर पाटनीपुरा से ट्रैफिक पहुंचता है, परदेशीपुरा होकर सुभाष नगर और सब्जी मंडी से होते हुए भी वाहन चालक पहुंचते हैं। ठीक इसी प्रकार राजकुमार ब्रिज और लैंटर्न चौराहा की तरफ से भी वाहन चालक इस चौराहे पर पहुंचते हैं। इसके अलावा गीताभवन और जंजीरवाला चौराहा होते हुए शैल्बी अस्पताल के सामने वाली सड़क से होकर वाहन चालक इसी चौराहे पर पहुंचते हैं, जिससे यहां हालात हर समय जाम के रहते हैं। इस चौराहे पर अंडरपास  बनाने के लिए जगह भी काफी चौड़ी है और अब कुलकर्णी भट्‌टे का पुल भी बन गया है। 

अगर इस चौराहे पर अंडरपास का निर्माण इस क्षेत्र में सबसे पहले शुरू किया जा सकता है, इससे ट्रैफिक व्यवस्था भी नहीं बिगड़ेगी, क्योंकि कुलकर्णी भट्‌टे के पुल बन जाने से लोगों को ज्यादा दिक्कत नहीं होगी।

अब शहर के अंदरुनी हिस्से की बात करते हैं


जवाहर मार्ग

जवाहर मार्ग पर ट्रैफिक का लोड कभी खत्म नहीं होता दिखाई देता है। यह प्रमुख मार्ग है, जिसके आसपास कई व्यावसायिक क्षेत्र हैं और यह मार्ग शहर की लाइफ लाइन भी है। अगर हम राजमोहल्ला चौराहे से लेकर पटेल ब्रिज तक इस रोड का मुआयना करें तो इस मार्ग पर कई चौराहे पड़ते हैं। इन चौराहों पर अंडरपास बहुत आवश्यक है, क्योंकि इस मार्ग पर सियागंज का भी ट्रैफिक अधिक रहता है।  मालगंज, नृसिंह बाजार, बंबई बाजार, यशवंत रोड, आड़ा बाजार, नंदलालपुरा, संजय सेतु तिराहा, रानीपुरा चौराहा पर यदि अंडरपास की योजना बनाई जाए तो ट्रैफिक जाम से मुक्ति मिल सकती है।

बड़ा गणपति चौराहा

बड़ा गणपति चौराहे पर काफी दबाव रहता है। इस चौराहे पर काफी जगह है और यह चौराहा इस क्षेत्र के लिए काफी अहम माना जाता है, क्योंकि इस चौराहे पर एयरपोर्ट रोड की तरफ से आने वाला ट्रैफिक, सुभाष नगर से गुजरने वाला ट्रैफिक और राजवाड़े की ओर से जाने वाला ट्रैफिक टकराता है। इस चौराहे पर भी अंडरपास की आवश्यकता है। इस चौराहे पर अंडरपास का निर्माण ट्रैफिक को काफी सुगम बनाएगा।

कुछ चौराहे जहां अंडरपास का विकल्प ही राहत देगा

एमटीएच चौराहा, आड़ा बाजार, छावनी,  अग्रवाल प्रतिमा वाला चौराहा, नौलखा चौराहा, नंदलालपुरा चौराहा, नृसिंह बाजार चौराहा, गोराकुंड चौराहा सहित तमाम शहर के अंदरुनी हिस्से हैं, जहां यदि अंडरपास बनते हैं तो हमेशा-हमेशा के लिए शहर के ट्रैफिक का टेंशन खत्म हो जाएगा।

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