जनता भी अपनी समस्या वाट्सएप नं. 7587632011 

और ई-मेल एड्रेस dcptrafficindore@gmail.com पर बताएं


 इंदौर। ट्रैफिक सुधार के लिए ट्रैफिक पुलिस ने जनता से सुझाव मांगने की शुरुआत की है, इसके लिए वाट्सएप नं. 7587632011 और ई-मेल एड्रेस dcptrafficindore@gmail.com जारी किया है। डीसीपी ट्रैफिक महेशचंद जैन का कहना है कि इंदौर को ट्रैफिक मैनेजमेंट में भी नंबर 1 बनाने के लिए नए प्रयोग किए जा रहे हैं। अनुभवी लोग अपने सुझाव सीधे हमें भेज सकें, इसलिए शहर के सभी पुलिस स्टॉपर्स पर हमने वाट्सएप नंबर और ई-मेल एड्रेस छपवाए हैं। एक विशेष मॉनिटरिंग सेल भी गठित की है, जो हर दिन प्राप्त सुझावों पर एक्शन लेगी।

हकीकत : ट्रैफिक विभाग और नगर निगम की कभी पटरी नहीं बैठती। नगर निगम है कि शहर में कब्जों को नजरअंदाज करता है और ट्रैफिक विभाग जाम किस वजह से हो रहा है, उसे नजरअंदाज करता रहता है। इसके पीछे का कारण दोनों विभाग जानते हैं, लेकिन जानकर अनजान है। शहर का कोई ऐसा हिस्सा नहीं बचा है, जहां व्यापार सड़क पर न होता हो। सड़क के व्यापार को समेटा नहीं जाएगा, तब तक शहर का ट्रैफिक सुधरने वाला नहीं है।

सरकार.., आप लोगों से वह भी अनुभवी से सुझाव मांग रहे हैं कि शहर के ट्रैफिक को कैसे सुधारा जाए। शहरभर की सरकार सड़कों पर घूमती है, अव्यवस्थाएं दिखती है, लेकिन सुधार की तरफ ध्यान नहीं जाता। विश्वास आप जनता पर कर रहे हैं, लेकिन उसकी सुनवाई िकतनी होती है, ये आप भी जानते हैं और जनता भी।

शहर के ट्रैफिक को सुचारू करने के लिए सबसे पहले सड़क और फुटपाथ को कब्जा मुक्त बनाना होगा। इसके लिए सख्ती ही एक मात्र उपाय है, क्योंकि शहर को फुटपाथ पर व्यापार करने वालों ने जाम के हालात पर लाकर खड़ा कर दिया है। 

जनता की शिकायत है कि ट्रैफिक बिगड़ने के पीछे सबसे बड़ा हाथ नगर निगम के कथित कर्मियों का है। 100-50 रुपए के चक्कर में अस्थायी दुकानें लगाने के लिए प्रोत्साहित ये ही कर्मी कर रहे हैं। जवाबदेही लगातार नगर निगम और जिला प्रशासन को अलर्ट कर रहा है कि शहर की भीतरी व्यवस्था अस्थायी दुकानदारों की वजह से बिगड़ चुकी है। और अब जिस तरह से अस्थायी दुकानों की बाढ़-सी आ रही है, उसे रोकना बहुत जरूरी हो गया है।

गीता भवन चौराहे पर बिगड़ते यातायात को सुधारने की हो कवायद


गीताभवन चौराहे के हालात सुधार पाए। इस चौराहे पर हर आने वाला वाहन चालक गफलत की स्थिति में रहता है। जब कोई वाहन चालक गोकुलदास अस्पताल से इस चौराहे पर आता है तो उसका सामना गीताभवन की तरफ से आ रहे वाहन चालक से होता है, क्योंकि इस चौराहे पर कई वाहन चालक नियमों को दरकिनार कर कहीं से भी निकल पड़ते हैं। िशवाजी वाटिका की तरफ से इस चौराहे पर आने वाला वाहन चालक, जिसे पलासिया चौराहे तरफ जाना होता है, वह भी रेड सिग्नल पर खड़े नहीं रहना चाहता और लेफ्ट टर्न मारकर चौराहे पर रखे बैरिकेड को लांघकर फिर वापस एबी रोड पर पहुंचता है, ऐसे में जो गोकुलदास की तरफ से आ रहा वाहन चालक होता है, उसका इन वाहन चालकों से आमना-सामना होता है और ट्रैफिक जाम होता है। यहां पर अस्थायी बैरिकेड की बजाए, स्थायी बैरिकेड बनाने की आवश्यकता है। 

एकांगी मार्गों पर नहीं हो रहा नियमों का पालन

कई क्षेत्रों में एकांगी मार्ग है, जिसका पालन अब लोग नहीं के बराबर कर रहे हैं। जैसा कि जेल रोड, खजूरी बाजार है। लेकिन यहां अब दोनों तरफ से वाहन चालक निकल पड़ते हैं। शहर के कई ऐसे मार्ग हैं, जिन्हें पीक अवर में एकांगी मार्ग (समयानुसार) किया जा सकता है, जिससे कि ट्रैफिक नहीं उलझेगा।

इस चौराहे पर टीम बहुत जरूरी

गीता भवन चौराहे पर  ट्रैफिक पुलिस की एक क्यूआरटी टीम बहुत जरूरी है, क्योंकि यहां ज्यादा रेड सिग्नल तोड़े जाते हैं और रॉन्ग साइड वाहन चलाकर लोग दूसरों की जान मुश्किल में डालते हैं।

कलेक्टर ऑफिस के सामने से क्या कोई अफसर नहीं निकलता

शहर का प्रशासनिक संकुल, जहां शहर के सभी आला अफसर ड्यूटी देने पहुंचते हैं, क्या उन्हें उनकी नाक के नीचे का अतिक्रमण नहीं दिखाई पड़ता। सारे आला अफसर हेमू कालानी चौराहा होते हुए ही प्रशासनिक संकुल में दाखिल होते हैं। कुछ लोग पंढरीनाथ थाने के सामने से भी जाते होंगे, या फिर लौटते भी होंगे। लेकिन इन सारे अफसरों को इनके दफ्तर के सामने के हालात ही दिखाई नहीं पड़ते।

10 मिनट का सफर आधे घंटे का हो गया...

जनका का ये दर्द है जिस मार्ग से वो दस मिनट में निकलकर घर तक पहुंच जाते थे, आज उसी सड़क से निकलकर घर तक पहुंचने में काफी समय लग रहा है। जो लोग बीमार व्यक्ति को अस्पताल ले जाते हैं, उनकी पीड़ा को भी शहरी सरकार को समझना होगी।

जब तक सड़क पर होगा व्यापार नहीं सुधरेंगे हालात...

पंढरीनाथ क्षेत्र : फूल मंडी लग रही सड़क पर...

हरसिद्धि माता मंदिर के सामने फूल वालों ने भी सड़क को घेरकर रखा है। यही नहीं, पुल पर भी फूल बेचने लग जाते हैं। ठीक इसी के आगे जो पुल है, उस पर पैदल चलने वालों के लिए फुटपाथ है, लेकिन उस पर फल वालों ने कब्जा कर रखा है। खरीदारों के वाहन सड़क पर खड़े हो जाते हैं।


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